Vol. 6, Issue 10, Part P (2020)
à¤à¤¾à¤°à¤¤ की ऋतॠपरमà¥à¤ªà¤°à¤¾: वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• परिपà¥à¤°à¥‡à¤•à¥à¤·à¥à¤¯ में
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Author(s)
डॉ0 अंशू सरीन, डॉ0 गीता परिहार
Abstract
पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ शोध पतà¥à¤° में हमने ऋतà¥à¤“ं के विषय में अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ किया है। जिसमें हमने षड़ऋतà¥, दà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¶ ऋतॠ(बारह मासा) में वरà¥à¤·à¤¾à¤•à¤¾à¤² का विवरण संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ रूप में दिया। वसà¥à¤¤à¥à¤¤à¤ƒ à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¤• कृषि पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ देश होने के कारण यहाठका किसान खेती पर आधारित रहते हैं, उस पर वरà¥à¤·à¤¾ का इनà¥à¤¤à¤œà¤¾à¤° करते हैं। इस वरà¥à¤·à¤¾à¤•à¤¾à¤² की ऋतà¥à¤“ं के साथ गणना करके आज के मौसम विजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥€ वरà¥à¤·à¤¾ की घोषणा या मौसम समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¥€ सूचनायें देते हैं। आज इस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में शिकà¥à¤·à¤¾ की जागरूकता की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। वसà¥à¤¤à¥à¤¤à¤ƒ इस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में हमारे ऋषि-मनीषियों ने ठीक-ठीक गणना कर ऋतà¥à¤“ं का काल निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤£ कर दिया था। पर समय की माà¤à¤— को देखते हà¥à¤¯à¥‡ इसकी शिकà¥à¤·à¤¾ की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ सरकारी और गैर सरकारी कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में होनी चाहिये। यह विषय इतना वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• है कि कई कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ से जà¥à¥œà¤¾ है जिसका जà¥à¤žà¤¾à¤¨ होना नितानà¥à¤¤ आवशà¥à¤¯à¤• है। यहाठहमने इसका अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ सार-संकà¥à¤·à¥‡à¤ª में किया है। जबकि यह शोध-परक विषय है।
How to cite this article:
डॉ0 अंशू सरीन, डॉ0 गीता परिहार. à¤à¤¾à¤°à¤¤ की ऋतॠपरमà¥à¤ªà¤°à¤¾: वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• परिपà¥à¤°à¥‡à¤•à¥à¤·à¥à¤¯ में. Int J Appl Res 2020;6(10):1089-1092.