Vol. 6, Issue 11, Part C (2020)
ललीतराघव महाकावà¥à¤¯ - à¤à¤• विमरà¥à¤·
ललीतराघव महाकावà¥à¤¯ - à¤à¤• विमरà¥à¤·
Author(s)
समीर विशà¥à¤µà¤¾à¤²
Abstract
पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल में जव लेखन सामगà¥à¤°à¥€ उपलबà¥à¤§ नहीं था तव उस समये दारà¥à¤¶à¤¨à¤¿à¤•, कावà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤°à¤œà¥à¤ž, वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£,समाजसà¥à¤§à¤¾à¤°à¤• सà¥à¤µà¤¸à¥à¤µà¤µà¤¿à¤šà¤¾à¤° आदि को अपने हाथोसे लिखकर पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ करते थे । उनमें से शà¥à¤°à¥€à¤¨à¥€à¤µà¤¾à¤¸ विरचीत ललीतराघव माहाकावà¥à¤¯ अनà¥à¤¯à¤¤à¤® है । इस गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ अà¤à¤¿à¤¤à¤•à¥ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ नही हà¥à¤† है, लेकिन अबतक बो संगà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ में सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¥€à¤¤ है । इस गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ 22 (दà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¶à¤µà¤¿à¤‚शति) सरà¥à¤— विशिषà¥à¤Ÿ à¤à¤• महाकावà¥à¤¯ हे । इस महाकावà¥à¤¯ संपूरà¥à¤£ रामायण पर आधारित है । अगर मातृका का पाठसंपादन पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ अवलमà¥à¤¬à¤¨ करेगें तो पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤¨ जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤µà¥ˆà¤à¤µ का विनाश नही होगा । इसलिठलà¥à¤ªà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¤à¥ƒà¤•à¤¾ का संसà¥à¤•à¥à¤¤à¤µà¤¾à¤™à¥à¤—मय मे पà¥à¤°à¥à¤¨à¤œà¥€à¤µà¤¿à¤¤ करने केलिठइस शोध पतà¥à¤° पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया जा रहा है ।
How to cite this article:
समीर विशà¥à¤µà¤¾à¤². ललीतराघव महाकावà¥à¤¯ - à¤à¤• विमरà¥à¤·. Int J Appl Res 2020;6(11):157-159.