International Journal of Applied Research
Vol. 6, Issue 2, Part E (2020)
उच्च शिक्षा की गुणवत्ता: चुनौतियाँ एवं संभावनाएँ
Author(s)
डाॅ॰ किरण कुमारी
Abstractभारत अब विष्व के अग्रणी दशों में र्सिम्मलित हो चुका है। यह विष्व की बड़ी आर्थिक, राजनीतिक व सामाजिक शक्ति बनने की ओर अग्रसर है। भारत निकट भविष्य में ही सम्पूर्ण विश्व को प्रशिक्षित मानव संसाधनों की आपूर्ति करने वाला देश होगा। कृषि, उधोग व सेवा क्षेत्र के तीव्र विकास के साथ-साथ गरीबी निवारण, रोजगार सृजन व ज्ञान आधारित समाज की संरचना एवं चरित्रवान कुशल नागरिकों के निर्माण के लिए देश में शिक्षा एवं प्रशिक्षण की दिशा में ठोस कदम उठाये जाने की आवश्यकता है जो शिक्षा जगत के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती है। इस दिशा में केन्द्र सरकार के द्वारा नयी शिक्षा नीति लायी गयी है जो एक सराहनीय कदम है परन्तु नयी शिक्षा नीति को व्यावहारिक पटल पर सार्थक बनाना भी एक चुनौती है।
शिक्षा का परिमाणात्मक विकास विगत वर्षों में तेजी से हुआ है परन्तु गुणात्मक विकास में ह्रास हुआ है, जो चिन्तनीय है। आज भी शिक्षा पर अंग्रेजी शिक्षा का प्रभाव है। अंग्रेजों ने शिक्षा को अपने हित के लिए इस्तेमाल किया। उनका उद्देष्य भारत में एक ऐसा शिक्षित वर्ग पैदा करना था जो औपनिवेषक शासन को सुचारू रूप से चलाने में सहायक हो। अंग्रेजी शिक्षा पद्धति का उद्देष्य मात्र बाबूओं का निर्माण करना था। फलस्वरूप शिक्षित बेरोजगारों की संख्या बढ़ती गयी और आज शिक्षित बेरोजगारों की फौज खड़ी हो गयी है। आवश्यकता है, शिक्षा की गुणवत्ता के विकास की, जो एक बहुत बड़ी चुनौती है परन्तु, गुणवत्ता में सुधार की संभावनाओं का अभाव नहीं है। शिक्षा मानवीय मूल्यों, तकनीकी ज्ञान एवं अद्यमिता के विकास में सार्थक पहल कर सकता है जिसकी अपार संभावनाएँ हैं।
How to cite this article:
डाॅ॰ किरण कुमारी. उच्च शिक्षा की गुणवत्ता: चुनौतियाँ एवं संभावनाएँ. Int J Appl Res 2020;6(2):356-358.