Vol. 6, Issue 2, Part E (2020)
नागारà¥à¤œà¥à¤¨ की औपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¿à¤• कृतियों में नारी-पातà¥à¤°
नागारà¥à¤œà¥à¤¨ की औपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¿à¤• कृतियों में नारी-पातà¥à¤°
Author(s)
डॉ. दिवà¥à¤¯à¤¾ निधि
Abstract
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समाज में नारी के विशिषà¥à¤Ÿ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ को नकारा नहीं जा सकता है। यही कारण है कि साहितà¥à¤¯ में नारी का सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ सरà¥à¤µà¥‹à¤ªà¤°à¤¿ रहा है। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ में पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ समय से ही नारी पूजा के योगà¥à¤¯ रही। ’’यतà¥à¤° नारà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¤à¥ पूजà¥à¤¯à¤‚ते रमनà¥à¤¤à¥‡ ततà¥à¤° देवताः’’ कहकर उपरà¥à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ वकà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ की पà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ की जा सकती है। à¤à¤• जनवादी लेखक होने के नाते पà¥à¤°à¥à¤· के साथ नारी की समानता बाबा नागारà¥à¤œà¥à¤¨ के मनो-मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤• में थी। मिथिला के समाज के नारी-चरितà¥à¤°à¥‹à¤‚ के वरà¥à¤£à¤¨ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ नागारà¥à¤œà¥à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के मन के कोने में दमित पड़ी सूकà¥à¤·à¥à¤® विलकà¥à¤·à¤£ संवेदनाओं को कà¤à¥€ मौन और कà¤à¥€ मà¥à¤–र होकर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करते।
How to cite this article:
डॉ. दिवà¥à¤¯à¤¾ निधि. नागारà¥à¤œà¥à¤¨ की औपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¿à¤• कृतियों में नारी-पातà¥à¤°. Int J Appl Res 2020;6(2):372-375.