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ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

IMPACT FACTOR (RJIF): 8.4

Vol. 6, Issue 3, Part E (2020)

संगीत शिक्षण एवं शिक्षण विधियां

संगीत शिक्षण एवं शिक्षण विधियां

Author(s)
डाo सुनीता सिवाच
Abstract
शिक्षा मनुष्य की जन्मजात शक्तियों का स्वाभाविक संयम और प्रगतिशील विकास है। मनुष्य की अन्तर्निहित पूर्णता को अभिव्यक्त करना ही शिक्षा है। वास्तव में किसी भी विषय की शिक्षा का अर्थ केवल ज्ञान अथवा जीविका का उपार्जन नहीं है। शिक्षा का अर्थ व उद्धेश्य मानवीय जीवन का चारों ओर से अधिक से अधिक विकास करना है। जीवन के जिन विभिन्न पक्षों के साथ शिक्षा का समन्वय अपेक्षित है उनमें जीविका, क्रीड़ा, ललितकला व राजनीति, प्रशासन व्यवसाय को मुख्य माना जा सकता है। संगीत शिक्षा में प्राचीन काल, मध्यकाल व आधुनिक काल में समय की मांग अथवा आवश्यकता के फलस्वरूप बदलाव आए, जिनके कारण संगीत वैदिक अथवा प्राचीन काल से अब तक विभिन्न शिक्षण प्रक्रियाओं से गुजरा।
Pages: 305-308  |  830 Views  42 Downloads
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How to cite this article:
डाo सुनीता सिवाच. संगीत शिक्षण एवं शिक्षण विधियां. Int J Appl Res 2020;6(3):305-308.
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