Vol. 6, Issue 4, Part E (2020)
किशोरावसà¥à¤¥à¤¾ के बालकों के वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ विकास में मूलà¥à¤¯à¤ªà¤°à¤• शिकà¥à¤·à¤¾ का योगदान
किशोरावसà¥à¤¥à¤¾ के बालकों के वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ विकास में मूलà¥à¤¯à¤ªà¤°à¤• शिकà¥à¤·à¤¾ का योगदान
Author(s)
डाॅ. अशोक कà¥à¤®à¤¾à¤°
Abstract
किसी à¤à¥€ सà¤à¥à¤¯ समाज के लिठशिकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤£ हैं तथा जीवन मूलà¥à¤¯ उसकी आतà¥à¤®à¤¾, मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ जीवन के दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥‹à¤£ से है यदि मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को जीवन कहा जाय तो अतिशà¥à¤¯à¥‹à¤•à¥à¤¤à¤¿ नही होगी। वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के जीवन में मूलà¥à¤¯ का विकास सामाजिकरण की पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ के साथ-साथ होता हैै। वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ समाज के बिना जीवित नही रह सकता। रेमनà¥à¤Ÿ ने कहा है, कि समाज विहीन वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤• कोरी कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ है। वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ से ही सामाजिक पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ है वह समाज से अलग रहकर à¤à¤¸à¥‡ जीवित नहीं रह सकती, जैसे मछली जल के बिना। अतः वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ और समाज को अलग नहीं किया जा सकता कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इन दोंनों का असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ à¤à¤• दूसरे में निहीत है। मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की अवधारणा से तातà¥à¤ªà¤°à¥à¤¯ सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤, आदरà¥à¤¶ तथा नैतिकता से है। सामाजिक समà¥à¤ªà¤°à¥à¤• दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ नैतिक विकास होता है। हम कà¥à¤› मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ देते है कà¥à¤› को तà¥à¤¯à¤¾à¤—ते हैं मानव वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° केवल विचारों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ही नहीं अपितॠà¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¥€ होता है। सà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¥€ à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ के आधार पर ही मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का चयन होता है। मूलà¥à¤¯ का अपना महतà¥à¤µ इसके अनà¥à¤¦à¤° छिपा होता है। मूलà¥à¤¯ अà¤à¤¿à¤µà¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ à¤à¤µà¤‚ आदरà¥à¤¶ हमारे वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° को निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤¿à¤¤ करते हैं।
How to cite this article:
डाॅ. अशोक कà¥à¤®à¤¾à¤°. किशोरावसà¥à¤¥à¤¾ के बालकों के वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ विकास में मूलà¥à¤¯à¤ªà¤°à¤• शिकà¥à¤·à¤¾ का योगदान. Int J Appl Res 2020;6(4):300-303.