Vol. 6, Issue 4, Part E (2020)
वृदà¥à¤§à¤¾à¤¶à¥à¤°à¤® में रहने वाले वृदà¥à¤§à¥‹à¤‚ का समाजशासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨
वृदà¥à¤§à¤¾à¤¶à¥à¤°à¤® में रहने वाले वृदà¥à¤§à¥‹à¤‚ का समाजशासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨
Author(s)
डॉ. ज़किया रफत
Abstract
वृदà¥à¤§à¤¾à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ जीवन का अनà¥à¤¤à¤¿à¤® तथा महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ चरण है। समाजशासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥‹à¤£ से वृदà¥à¤§à¤¾à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ वह अवसà¥à¤¥à¤¾ है जिसमें वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की सामाजिक à¤à¥à¥‚ामिका में परिवरà¥à¤¤à¤¨ आता है। यह वह अवसà¥à¤¥à¤¾ होती है जब उसके पास जà¥à¤žà¤¾à¤¨, अनà¥à¤à¤µà¥‹à¤‚ और विचारों में सà¥à¤¦à¥ƒà¥à¤¤à¤¾ और उसकी विकसित सोच से वह सारà¥à¤¥à¤• पहल कर समाज का मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ कर सकता है। पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल से हमारे समाज में वृदà¥à¤§à¥‹à¤‚ की समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ रही है परनà¥à¤¤à¥ वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में औदà¥à¤¯à¥‹à¤—ीकरण, नगरीकरण, पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€à¤•à¤°à¤£, वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤¤à¤¾, नैतिक मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का पतन आदि कारणों से संयà¥à¤•à¥à¤¤ परिवार टूट रहे है और उनका आकार à¤à¤•à¤¾à¤•à¥€ परिवारों ने लिया है। अब पीà¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का अनà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤² बà¥à¤¾ है तथ मोबाइल, इंटरनेट तथा सोशल मीडिया के बà¥à¤¤à¥‡ पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¨ और अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¤ जीवन शैली के कारण वृदà¥à¤§ अपने ही घर में à¤à¤•à¤¾à¤•à¥€, उपेकà¥à¤·à¤¿à¤¤ तथा दोयम दरà¥à¤œà¥‡ का जीवन वà¥à¤¯à¤¤à¥€à¤¤ कर रहे है। यही कारण है कि वृदà¥à¤§à¤¾à¤¶à¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚ की संखà¥à¤¯à¤¾ में निरनà¥à¤¤à¤° वृदà¥à¤§à¤¿ हो रही है। कहीं परिवार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ कहीं सà¥à¤µà¥‡à¤šà¥à¤›à¤¾ से वृदà¥à¤§, वृदà¥à¤§à¤¾à¤¶à¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚ की ओर रूख कर रहे है। वृदà¥à¤§à¤¾à¤¶à¥à¤°à¤® में वे कैसा अनà¥à¤à¤µ करते हैं? कà¥à¤¯à¤¾ सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤à¤‚ उपलबà¥à¤§ है? वे संतà¥à¤·à¥à¤Ÿ है या केवल समà¤à¥Œà¤¤à¤¾ करने को विवश है। इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ सब पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ के उतà¥à¤¤à¤°à¥‹à¤‚ को खोजने की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ जनपद बिजनौर के वृदà¥à¤§à¤¾à¤¶à¥à¤°à¤® में रह रहे वृदà¥à¤§à¥‹à¤‚ के अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ पर आधारित है।
How to cite this article:
डॉ. ज़किया रफत. वृदà¥à¤§à¤¾à¤¶à¥à¤°à¤® में रहने वाले वृदà¥à¤§à¥‹à¤‚ का समाजशासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨. Int J Appl Res 2020;6(4):374-376. DOI:
10.22271/allresearch.2020.v6.i4e.9880