Contact: +91-9711224068
International Journal of Applied Research
  • Multidisciplinary Journal
  • Printed Journal
  • Indexed Journal
  • Refereed Journal
  • Peer Reviewed Journal

ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

IMPACT FACTOR (RJIF): 8.4

Vol. 6, Issue 4, Part E (2020)

वृद्धाश्रम में रहने वाले वृद्धों का समाजशास्त्रीय अध्ययन

वृद्धाश्रम में रहने वाले वृद्धों का समाजशास्त्रीय अध्ययन

Author(s)
डॉ. ज़किया रफत
Abstract
वृद्धावस्था जीवन का अन्तिम तथा महत्वपूर्ण चरण है। समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण से वृद्धावस्था वह अवस्था है जिसमें व्यक्ति की सामाजिक भ्ूामिका में परिवर्तन आता है। यह वह अवस्था होती है जब उसके पास ज्ञान, अनुभवों और विचारों में सुदृढ़ता और उसकी विकसित सोच से वह सार्थक पहल कर समाज का मार्गदर्शन कर सकता है। प्राचीन काल से हमारे समाज में वृद्धों की सम्मानीय स्थिति रही है परन्तु वर्तमान में औद्योगीकरण, नगरीकरण, पश्चिमीकरण, व्यक्तिवादिता, नैतिक मूल्यों का पतन आदि कारणों से संयुक्त परिवार टूट रहे है और उनका आकार एकाकी परिवारों ने लिया है। अब पीढ़ियों का अन्तराल बढ़ा है तथ मोबाइल, इंटरनेट तथा सोशल मीडिया के बढ़ते प्रचलन और अत्यधिक व्यस्त जीवन शैली के कारण वृद्ध अपने ही घर में एकाकी, उपेक्षित तथा दोयम दर्जे का जीवन व्यतीत कर रहे है। यही कारण है कि वृद्धाश्रमों की संख्या में निरन्तर वृद्धि हो रही है। कहीं परिवार द्वारा कहीं स्वेच्छा से वृद्ध, वृद्धाश्रमों की ओर रूख कर रहे है। वृद्धाश्रम में वे कैसा अनुभव करते हैं? क्या सुविधाएं उपलब्ध है? वे संतुष्ट है या केवल समझौता करने को विवश है। इन्हीं सब प्रश्नों के उत्तरों को खोजने की आवश्यकता है। प्रस्तुत अध्ययन जनपद बिजनौर के वृद्धाश्रम में रह रहे वृद्धों के अध्ययन पर आधारित है।
Pages: 374-376  |  1399 Views  1061 Downloads
How to cite this article:
डॉ. ज़किया रफत. वृद्धाश्रम में रहने वाले वृद्धों का समाजशास्त्रीय अध्ययन. Int J Appl Res 2020;6(4):374-376. DOI: 10.22271/allresearch.2020.v6.i4e.9880
Call for book chapter
International Journal of Applied Research
Journals List Click Here Research Journals Research Journals