Vol. 6, Issue 7, Part G (2020)
नवजात शिशॠपोषण में माता के सà¥à¤¤à¤¨à¤ªà¤¾à¤¨ का दायितà¥à¤µ à¤à¤µà¤‚ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ दिशा-निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶
नवजात शिशॠपोषण में माता के सà¥à¤¤à¤¨à¤ªà¤¾à¤¨ का दायितà¥à¤µ à¤à¤µà¤‚ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ दिशा-निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶
Author(s)
रूबी कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€ साह
Abstract
बचà¥à¤šà¥‡ के जनà¥à¤® के उपरांत पहले कà¥à¤› दिनों तक मॉं के दूध को कॉलोसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤® कहा जाता है। यह दूध पीला और गाढ़ा होता है। यह दूध अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• पोषक होता है और इसमें संकà¥à¤°à¤®à¤£-रोधी ततà¥à¤µ विदà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ होते हैं। इसमें बड़ी मातà¥à¤°à¤¾ में विटामिन ‘ऒ पाया जाता है। कॉलोसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤® में अधिक पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨ होता है, जो कि कई बार 10 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ तक होता है। इसमें बाद में आने वाले दूध से कम मातà¥à¤°à¤¾ में वसा, कारà¥à¤¬à¥‹à¤¹à¤¾à¤‡à¤¡à¥à¤°à¥‡à¤Ÿ तथा दà¥à¤—à¥à¤§à¤¶à¤°à¥à¤•à¤°à¤¾ होते हैं। शिशॠको मॉं का आरमà¥à¤à¤¿à¤• दूध पिलाने से उसके शरीर में पोषक ततà¥à¤µà¥‹à¤‚ तथा संकà¥à¤°à¤®à¤£-रोधी पदारà¥à¤¥à¥‹à¤‚ की मातà¥à¤°à¤¾ बढ़ाने में सहायता मिलती है। संकà¥à¤°à¤®à¤£-रोधी पदारà¥à¤¥ शिशॠको अतिसार जैसे संकà¥à¤°à¤¾à¤®à¤• रोगों से बचाते हैं, जो कि जनà¥à¤® के बाद पहले कà¥à¤›à¥‡à¤• सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹à¥‹à¤‚ के दौरान बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को हो सकते हैं। माठका आरमà¥à¤à¤¿à¤• दूध मूलतः शिशॠको मॉं से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होने वाला पहला पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¤•à¥à¤·à¤• है। कà¥à¤› माताà¤à¤ इस पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤à¤¿à¤• दूध को खराब तथा अपाचà¥à¤¯ मानती हैं। दूध के रंग में अंतर तथा निरनà¥à¤¤à¤°à¤¤à¤¾ में कमी à¤à¤¸à¥€ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ के संà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ कारण हो सकते हैं।
How to cite this article:
रूबी कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€ साह. नवजात शिशॠपोषण में माता के सà¥à¤¤à¤¨à¤ªà¤¾à¤¨ का दायितà¥à¤µ à¤à¤µà¤‚ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ दिशा-निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶. Int J Appl Res 2020;6(7):555-558.