Vol. 6, Issue 9, Part D (2020)
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के संगीत कला का विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के तनाव पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन में योगदान
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के संगीत कला का विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के तनाव पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन में योगदान
Author(s)
डॉ. रमा शरà¥à¤®à¤¾
Abstract
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समाज में अनेकता है|इसमें कई जातियां हैं| à¤à¤¾à¤°à¤¤ में कई à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤‚, संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ व अनेक पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के लोग हैं| विविधता के इस à¤à¤‚डार में कà¥à¤› à¤à¤¸à¥‡ तथà¥à¤¯ à¤à¥€ हैं जिसने इस बड़े से समाज को बांध रखा है|à¤à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ देश के किसी à¤à¥€ कोने में रहता है, उस पर à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समाज की सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ छाप दिखाई देती है| यह बड़ी रोचक बात है कि असमी,बंगाली, तमिल, मराठी, मलयाली, पंजाबी, सिंधी, कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€, पठान, राजपूत और बीच के लोगों का à¤à¤• बड़ा हिसà¥à¤¸à¤¾ जो हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ बोलता है संगीत पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• समाज में किसी न किसी रूप में वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है| à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के संगीत कला में वह अदà¥à¤à¥à¤¤ शकà¥à¤¤à¤¿ है जिससे विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ अपने तनाव को बहà¥à¤¤ हद तक कम कर सकते हैं| शोधकरà¥à¤¤à¤¾à¤“ं ने पाया कि सरà¥à¤œà¤°à¥€ से पहले आराम से संगीत सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ से चिंता कम हो जाती है|
How to cite this article:
डॉ. रमा शरà¥à¤®à¤¾. à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के संगीत कला का विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के तनाव पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन में योगदान. Int J Appl Res 2020;6(9):234-236.