Vol. 7, Issue 1, Part D (2021)
बाल–शà¥à¤°à¤®à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ की सामाजिक, आरà¥à¤¥à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ : “राà¤à¤šà¥€ जिला के संदरà¥à¤ में”
बाल–शà¥à¤°à¤®à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ की सामाजिक, आरà¥à¤¥à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ : “राà¤à¤šà¥€ जिला के संदरà¥à¤ में”
Author(s)
कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€ à¤à¤µà¤‚ डॉ सीमा डे
Abstractà¤à¤¾à¤°à¤¤ में बाल-शà¥à¤°à¤® समसà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤• चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ बन गई है | देश में कामकाजी बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• संखà¥à¤¯à¤¾ बहà¥à¤¤ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ है | जातिवाद, गरीबी, परिवार का आकार, तथा आय, शिकà¥à¤·à¤¾ का सà¥à¤¤à¤° आदि बाल-शà¥à¤°à¤®à¤¿à¤• को गमà¥à¤à¥€à¤° समसà¥à¤¯à¤¾ के रूप में पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ करने के लिठउतà¥à¤¤à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¥€ है | बाल- शà¥à¤°à¤® समसà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤• गहन सामाजिक-आरà¥à¤¥à¤¿à¤• समसà¥à¤¯à¤¾ है | यह à¤à¤• à¤à¤¸à¥€ बà¥à¤°à¤¾à¤ˆ है जिसके लिठसमाज के सà¤à¥€ वरà¥à¤—ों में जागरूकता लाने के साथ-साथ सोच का नजरिया à¤à¥€ बदलने की जरà¥à¤°à¤¤ है | बाल मजदूरी करने वाले अधिकांश बचà¥à¤šà¥‡ पिछड़ी जातियों और पिछड़ों में à¤à¥€ अति पिछड़े वरà¥à¤— से आते हैं | इसका à¤à¤• बड़ा कारण चेतना की कमी है | बचà¥à¤šà¥‡ देश के à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ होते हैं |
बाल-शà¥à¤°à¤® न सिरà¥à¤« बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के लिठअà¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤ª के समान है बलà¥à¤•à¤¿ यह समाज और देश के माथे पर कलंक है | à¤à¤¾à¤°à¤¤ में बाल-शà¥à¤°à¤®à¤¿à¤• समसà¥à¤¯à¤¾ अतà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ जटिल है लेकिन यह सिरà¥à¤« à¤à¤¾à¤°à¤¤ की समसà¥à¤¯à¤¾ नहीं बलà¥à¤•à¤¿ à¤à¤• अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ परिघटना है | इस शोध अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ में राà¤à¤šà¥€ जिला से 100 बाल-मजदूरों को रैंडम रूप से चयनित किया गया था | इस अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ में बाल-मजदूरों के वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त, गà¥à¤£ सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤° चर है तथा अधिकांश 50 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ बालिका तथा 40 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ बालक 13-14 वरà¥à¤· के पाये गये उनकी सामाजिक, आरà¥à¤¥à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ आशà¥à¤°à¤¿à¤¤ चर हैं | अधिकांश 56 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ बालिका तथा 50 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ बालक निरकà¥à¤·à¤° थे जबकि 10 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ बालिका तथा 4 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ बालक हाईसà¥à¤•à¥‚ल तक शिकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ की थी | उतà¥à¤¤à¤°à¤¦à¤¾à¤¤à¤¾à¤“ं में 38 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ बालक पिछड़ी जाति के थे जबकि 44 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ बालिका अनà¥à¤¸à¥‚चित जनजाति की थी | अधिकांश 70 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ बालक तथा 64 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ बालिका à¤à¤•à¤² परिवार में रहते थे तथा उनके परिवार के सà¥à¤µà¤°à¥‚प में छ: या इससे अधिक सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ वाले 60 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ बालक तथा 64 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ बालिका थी | अधिकांश लोग कचà¥à¤šà¥‡ मकान में रहते थे | पानी के साधन के रूप में वे कà¥à¤†à¤ का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करते थे | 74 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ बालक 80 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ बालिका को माता-पिता के साथ थोड़ा ही रहने का समय मिल पाता था | बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के काम करने से उनकी पारिवारिक आय में वृदà¥à¤§à¤¿ हà¥à¤ˆ थी | अधिकतà¥à¤¤à¤° लोग दैनिक आहार में केवल चावल सबà¥à¤œà¥€ का ही पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करते थे | अधिकांश बालक तथा बालिका रेजा का काम कर अपने गà¥à¤œà¤¾à¤°à¤¾ करते थे | इनके परिवार के आय का मà¥à¤–à¥à¤¯ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤¤ मजदूरी ही था तथा इनके परिवार के मासिक आय 1501-4500 से नीचे थी | इनके दैनिक मजदूरी का आधार में 28 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ बालक तथा 22 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ बालिका को मालिक की इचà¥à¤›à¤¾ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° मजदूरी मिलती थी |
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कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€ à¤à¤µà¤‚ डॉ सीमा डे. बाल–शà¥à¤°à¤®à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ की सामाजिक, आरà¥à¤¥à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ : “राà¤à¤šà¥€ जिला के संदरà¥à¤ में”. Int J Appl Res 2021;7(1):247-252. DOI:
10.22271/allresearch.2021.v7.i1d.8186