Vol. 7, Issue 10, Part E (2021)
रीवा जिले के माधà¥à¤¯à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤¤à¤° पर अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤°à¤¤ छातà¥à¤°-छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं में परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जागरà¥à¤•à¤¤à¤¾ का तà¥à¤²à¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨
रीवा जिले के माधà¥à¤¯à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤¤à¤° पर अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤°à¤¤ छातà¥à¤°-छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं में परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जागरà¥à¤•à¤¤à¤¾ का तà¥à¤²à¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨
Author(s)
सà¥à¤§à¥€à¤° कà¥à¤®à¤¾à¤° तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¤¾à¤ ी à¤à¤µà¤‚ डॉं. डी. à¤à¤¸. सिंह बघेल
Abstract
शोधारà¥à¤¥à¥€ ने रीवा जिले के माधà¥à¤¯à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤¤à¤° पर अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤°à¤¤ छातà¥à¤°-छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं में परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जागरà¥à¤•à¤¤à¤¾ का तà¥à¤²à¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ किया। परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ हमारे जीवन में अतà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ रखता है। परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ के बिना जीवन की सकंलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ निरà¥à¤®à¤² है। मानव हो या जीव सà¤à¥€ परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ पर आशà¥à¤°à¤¿à¤¤ है। पृथà¥à¤µà¥€ पर विविध पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° का परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है, जिनमें वायॠपà¥à¤°à¤¦à¥‚षण, जल पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण, वनों का विनाश, मिटà¥à¤Ÿà¥€ को होने वाली विविध हानियाà¤, गà¥à¤°à¥€à¤¨ हाउस उषà¥à¤£à¥€à¤•à¤°à¤£, ओजोन की परत का कà¥à¤·à¤¯à¤¶à¥€à¤² होना आदि पà¥à¤°à¤®à¥à¤–ता से अपना सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ रखते है। परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ की पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ बहà¥à¤µà¤¿à¤·à¤¯à¤• होती है, जिसके लिये कौशल की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ होती है à¤à¤µà¤‚ वह कौशल अपने अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤—त कई विषयों यथा-रसायन, जीवविजà¥à¤žà¤¾à¤¨, पृथà¥à¤µà¥€ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨, गणित, à¤à¥‚गोल, कला, à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤•à¥€, इतिहास आदि को अंतरà¥à¤—ृहीत किये रहता है। परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£à¥€à¤¯ मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ पर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ पड़ता है। इसके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ समाज में परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° से संबंधित कई आयाम विकसित होते हैं जिनका समाज पर गहरा पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ पड़ता है à¤à¤µà¤‚ परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£à¥€à¤¯ रूप से वे काफी महतà¥à¤¤à¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¥€ होते हैं। परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ à¤à¤µà¤‚ परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ की समठके विकास हेतॠआमजन को जागरूक होने की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है ताकि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ यह जà¥à¤žà¤¾à¤¤ हो कि हमारे वातावरण में जो परिवरà¥à¤¤à¤¨ हो रहे हैं उनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मानव जीवन कैसे पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ हो रहा है। इस हेतॠउनमें परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ की समठविकसित करना आवशà¥à¤¯à¤• है ताकि वे अलग-अलग समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं से अवगत हो सके।
How to cite this article:
सà¥à¤§à¥€à¤° कà¥à¤®à¤¾à¤° तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¤¾à¤ ी à¤à¤µà¤‚ डॉं. डी. à¤à¤¸. सिंह बघेल. रीवा जिले के माधà¥à¤¯à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤¤à¤° पर अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤°à¤¤ छातà¥à¤°-छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं में परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जागरà¥à¤•à¤¤à¤¾ का तà¥à¤²à¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ . Int J Appl Res 2021;7(10):284-288.