Vol. 7, Issue 2, Part B (2021)
कà¥à¤à¤µà¤° नारायण के कावà¥à¤¯ की à¤à¤¾à¤·à¤¿à¤• संरचना, छंदविधान à¤à¤µà¤‚ शैलà¥à¤ªà¤¿à¤• शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ ताà¤à¤
कà¥à¤à¤µà¤° नारायण के कावà¥à¤¯ की à¤à¤¾à¤·à¤¿à¤• संरचना, छंदविधान à¤à¤µà¤‚ शैलà¥à¤ªà¤¿à¤• शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ ताà¤à¤
Author(s)
रà¥à¤šà¤¿ पाणà¥à¤¡à¥‡à¤¯
Abstract
कà¥à¤à¤µà¤° नारायण के कावà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में छनà¥à¤¦à¥‹à¤‚ के साथ कà¥à¤› पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— किठदिखाई पड़ते हैं, परनà¥à¤¤à¥ इस विषय में उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सà¥à¤µà¤¯à¤‚ कहा है कि ‘छनà¥à¤¦à¥‹à¤‚ का हमेशा कावà¥à¤¯ का जरूरी हिसà¥à¤¸à¤¾ नहीं माना गया। छनà¥à¤¦ मातà¥à¤° कावà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को अलंकरित करने का कारà¥à¤¯ करते है, परनà¥à¤¤à¥ मैंने छनà¥à¤¦à¥‹à¤‚ को अलंकार या सजावट न मानकर कावà¥à¤¯ की तरह महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ माना है। नयी कविता की यह विशेषता रही है कि इसकी à¤à¤¾à¤·à¤¾, सरल, विचार के अनà¥à¤°à¥‚प, सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤•, पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• रही है, इसी बधी हà¥à¤ˆ परिपाटी का पालन कà¥à¤à¤µà¤° नारायण ने à¤à¥€ किया, उनकी à¤à¤¾à¤·à¤¾ में à¤à¤¾à¤·à¤¾ का पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹, पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¾à¤¤à¥à¤®à¤•à¤¤à¤¾, अरà¥à¤¥à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾, सजीवता, पà¥à¤°à¤¸à¤‚गानà¥à¤•à¥‚लता देखने को मिलता है।
How to cite this article:
रà¥à¤šà¤¿ पाणà¥à¤¡à¥‡à¤¯. कà¥à¤à¤µà¤° नारायण के कावà¥à¤¯ की à¤à¤¾à¤·à¤¿à¤• संरचना, छंदविधान à¤à¤µà¤‚ शैलà¥à¤ªà¤¿à¤• शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ ताà¤à¤. Int J Appl Res 2021;7(2):82-84.