Vol. 7, Issue 2, Part C (2021)
मिथिला राजà¥à¤¯ की वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤•à¤¤à¤¾à¤ƒ à¤à¤• विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨
मिथिला राजà¥à¤¯ की वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤•à¤¤à¤¾à¤ƒ à¤à¤• विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨
Author(s)
राम बाबू चैपाल
Abstract
मिथिला कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° को अलग रूप से राजà¥à¤¯ के रूप में अà¤à¤¿à¤¹à¥€à¤¤ करने हेतॠमिथिलावासियों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया जा रहा है। इसके विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ कारण हैं। à¤à¤¾à¤°à¤¤ के दारà¥à¤¶à¤¨à¤¿à¤•, उदà¥à¤à¤µ, सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• और साहितà¥à¤¯à¤¿à¤• विकास के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में मिथिला का महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ रहा है। मिथिला का इतिहास निसà¥à¤¸à¤‚देह गौरवमय रहा है. पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤¤à¥à¤µ के अवशेषों का अनà¥à¤µà¥‡à¤·à¤£, विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ में पूरा पाषाणकाल, मधà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤² और नव पाषाण काल के कई अवशेष अà¤à¥€à¤¤à¤• पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ में नहीं आठहैं। इस पतà¥à¤° के माधà¥à¤¯à¤® से मिथिला राजà¥à¤¯ की वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤•à¤¤à¤¾ पर विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया गया है।
How to cite this article:
राम बाबू चैपाल. मिथिला राजà¥à¤¯ की वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤•à¤¤à¤¾à¤ƒ à¤à¤• विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨. Int J Appl Res 2021;7(2):136-138.