Vol. 7, Issue 3, Part C (2021)
पà¥à¤°à¥‹à¥° शà¥à¤¯à¤¾à¤® मोहन असà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¤¾ के सामाजिक नाटकों की कथावसà¥à¤¤à¥
पà¥à¤°à¥‹à¥° शà¥à¤¯à¤¾à¤® मोहन असà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¤¾ के सामाजिक नाटकों की कथावसà¥à¤¤à¥
Author(s)
रोशन कà¥à¤®à¤¾à¤°
Abstract
शà¥à¤¯à¤¾à¤® मोहन असà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¤¾ के नाटकों को कथà¥à¤¯ की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ देखे तो कई तरह के नाटक लिखे हैै - राजनीतिक, सामाजिक, मनोवैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•, अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं पर आधारित, वैचारिक नाटक इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿à¥¤ उनके सामाजिक नाटकों पर नजर डाले कथावसà¥à¤¤à¥ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤°à¥‚प से मधà¥à¤¯à¤µà¤°à¥à¤—ीय लोगों पर आधारित है।‘यह à¤à¥€ सच है’ में पागलखाने में ईलाज के बाद ठीक होने पर जब चेतन बाहर जाना चाहता है तो उसकी सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ परिवार वाले, उसके धन के लोठमें उसे पागल करार देकर उसे ले जाने से इनकार कर देते हैं।‘मेरा नाम मथà¥à¤°à¤¾ है नाटक में असà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¤¾à¤œà¥€ ने à¤à¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को à¤à¤• à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ नारी के पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• के रूप में लिया है। वह अपना नाम à¤à¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ न बताकर कर ‘‘मेरा नाम मथà¥à¤°à¤¾ है’’ बताती है। मथà¥à¤°à¤¾ à¤à¤• आदिवासी लड़की है, जिसके साथ à¤à¤• गाà¤à¤µ के थाने में बलातà¥à¤•à¤¾à¤° किया गया था।‘तीन सौ सीसी खून’ à¤à¤• बà¥à¤²à¤¡ डोनर की कथा है। गनेस नाम का à¤à¤• मजबूर इंसान है। अपने खून का सौदा करके अपना, अपनी माठका पेट पालता है।‘नागफनी का डाल’ à¤à¤• मधà¥à¤¯à¤µà¤°à¥à¤— की कथा है। मनीषा काॅलेज में पà¥à¤°à¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¿à¤•à¤¾ है। वह अविवाहित है। विवाह करना उसके लिठसमसà¥à¤¯à¤¾ है, अगर वह विवाह कर लेती है तो घर का खरà¥à¤š चलना मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² हो जाà¤à¤—ा, शायद असंà¤à¤µà¥¤ à¤à¤• बात और है कि विवाह के लिठरà¥à¤ªà¤¯à¥‡ की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। दहेज की वजह से शादी का पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ ठà¥à¤•à¤°à¤¾ दिया जाता है।‘बाजार-à¤à¤¾à¤µ’ नामक पà¥à¤°à¤¹à¤¸à¤¨ में सेठगंगामल वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¥€ है और हर चीज को वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से देखता है। कोई जगह खाली नहीं है’ नाटक का मà¥à¤–à¥à¤¯ पातà¥à¤° लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ शंकर जी है। पी-à¤à¤šà¥°à¤¡à¥€à¥° की डिगà¥à¤°à¥€ लेकर बेकार है। नौकरी की तलाश करते-करते थककर, मरघट पहà¥à¤à¤š जाते हैं।
How to cite this article:
रोशन कà¥à¤®à¤¾à¤°. पà¥à¤°à¥‹à¥° शà¥à¤¯à¤¾à¤® मोहन असà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¤¾ के सामाजिक नाटकों की कथावसà¥à¤¤à¥. Int J Appl Res 2021;7(3):133-135.