Vol. 7, Issue 3, Part G (2021)
शंकर के अद्वैत वेदांत का विश्लेषणात्मक अध्ययन
शंकर के अद्वैत वेदांत का विश्लेषणात्मक अध्ययन
Author(s)
डाॅ0 शिखर वासिनी
Abstract
आदि शंकर ने जिस करà¥à¤® सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ किया वह वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° और परमारà¥à¤¥ दोनों के लिठपà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिक जान पड़ता है। उनकी अवधारणा है कि आतà¥à¤® जà¥à¤žà¤¾à¤¨ को उपलबà¥à¤§ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के जीवन में निषà¥à¤•ाम करà¥à¤® सà¥à¤µà¤¯à¤‚ फलित हो जाता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ किया की मलिन चितà¥à¤¤ वाले वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ आतà¥à¤® साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•ार की अनà¥à¤à¥‚ति से वंचित रहते हैं। जबकि नितà¥à¤¯ करà¥à¤® के अनà¥à¤·à¥à¤ ान में संलिपà¥à¤¤ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ चितà¥à¤¤ शà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ को उपलबà¥à¤§ होता है।जिससे जीव आतà¥à¤®à¤¸à¥à¤µà¤°à¥à¤ª का बोध करता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने à¤à¤¾à¤·à¥à¤¯ में सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ कहा है कि करà¥à¤® दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ संसà¥à¤•ारित होने पर ही विशà¥à¤¦à¥à¤§ आतà¥à¤®à¤¾ अपने वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• बोध का वरण करने की सामरà¥à¤¥à¥à¤¯ अरà¥à¤œà¤¿à¤¤ करती है। उनका तरà¥à¤• था कि जà¥à¤žà¤¾à¤¨ की पà¥à¤°à¤à¤¾ से आलोकित वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ और हृदय अपनी देह का दà¥à¤°à¥à¤ªà¤¯à¥‹à¤— कर ही नहीं सकता। जैसा की वासनालिपà¥à¤¤ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ करता है। शंकर के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° समगà¥à¤° नैतिकता की जड़ें जà¥à¤žà¤¾à¤¨ में ही पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ित हैं। शंकराचारà¥à¤¯ मानते हैठकि संसार में बà¥à¤°à¤¹à¥à¤® ही सतà¥à¤¯ है। बाकी सब मिथà¥à¤¯à¤¾ है (बà¥à¤°à¤¹à¥à¤® सतà¥à¤¯, जगत मिथà¥à¤¯à¤¾)। जीव केवल अजà¥à¤žà¤¾à¤¨ के कारण ही बà¥à¤°à¤¹à¥à¤® को नहीं जान पाता जबकि बà¥à¤°à¤¹à¥à¤® तो उसके ही अंदर विराजमान है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥‚तà¥à¤° में ‘‘अहं बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤¸à¥à¤®à¤¿‘‘ à¤à¤¸à¤¾ कहकर अदà¥à¤µà¥ˆà¤¤ सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त बताया है। ‘सरà¥à¤µà¤‚ खलà¥à¤µà¤¿à¤¦à¤‚ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®‘ (यह सब बà¥à¤°à¤¹à¥à¤® है), ततà¥à¤µà¤®à¤¸à¤¿ (ततॠतà¥à¤µà¤®à¥ असि), तू (जीव) वह (बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®) है जैसे महावाकà¥à¤¯ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤® की अदà¥à¤µà¥ˆà¤¤à¤¤à¤¾ की ही पà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ करते हैं।शंकर ने तरà¥à¤• दिया कि उपनिषद बà¥à¤°à¤¹à¥à¤® (परम ततà¥à¤¤à¥à¤µ) की पà¥à¤°à¤•ृति की शिकà¥à¤·à¤¾ देते है और सिरà¥à¤« अदà¥à¤µà¥ˆà¤¤ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤® ही परम सतà¥à¤¯ है।
How to cite this article:
डाॅ0 शिखर वासिनी. शंकर के अद्वैत वेदांत का विश्लेषणात्मक अध्ययन. Int J Appl Res 2021;7(3):469-474.