Vol. 7, Issue 6, Part F (2021)
आखिरी सलाम: वेशà¥à¤¯à¤¾ जीवन की तà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤¦ अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿
आखिरी सलाम: वेशà¥à¤¯à¤¾ जीवन की तà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤¦ अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿
Author(s)
पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤‚का कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€
Abstract
‘आखिरी सलाम’ में वेशà¥à¤¯à¤¾ जीवन के तà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤¦ यथारà¥à¤¥ को लेखिका ने कथा का आधार बनाया है। इस उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ में यदà¥à¤¯à¤ªà¤¿ अनेक वेशà¥à¤¯à¤¾à¤“ं के जीवन पà¥à¤°à¤¸à¤‚ग को उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¿à¤¤ किया गया है, परनà¥à¤¤à¥ पीड़ा सबकी बराबर ही है। सà¤à¥€ लगà¤à¤— पà¥à¤°à¥‡à¤® में धोखा खाकर यहॉं तक पहà¥à¤à¤šà¥€ है। उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ करता है कि वेशà¥à¤¯à¤¾à¤µà¥ƒà¤¤à¤¿ के कई कारण हैं, जैसे गरीबी, अशिकà¥à¤·à¤¾, बेरोजगारी आदि। लेकिन इसका सबसे महतà¥à¤¤à¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ कारण है पà¥à¤°à¥à¤·à¤µà¤¾à¤¦à¥€ मानसिकता। किसी सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ को वेशà¥à¤¯à¤¾ बनाने में पà¥à¤°à¥à¤· की à¤à¥‚मिका कम नहीं। शायद ही कोई à¤à¤¸à¥€ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ होगी जो पेट की आग बà¥à¤à¤¾à¤¨à¥‡ के लिठदेह बेचती हो। वेशà¥à¤¯à¤¾à¤µà¥ƒà¤¤à¤¿ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ के लिठà¤à¤¸à¤¾ दलदल है, जिसमें वह à¤à¤•à¤¬à¤¾à¤° किसी कारण से धस जाय, तो जीवनà¤à¤° धà¤à¤¸à¤¤à¥€ चली जाती है।
How to cite this article:
पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤‚का कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€. आखिरी सलाम: वेशà¥à¤¯à¤¾ जीवन की तà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤¦ अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿. Int J Appl Res 2021;7(6):409-412.