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ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

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Vol. 7, Issue 6, Part F (2021)

आखिरी सलाम: वेश्‍या जीवन की त्रासद अभिव्‍यक्ति

आखिरी सलाम: वेश्‍या जीवन की त्रासद अभिव्‍यक्ति

Author(s)
प्रियंका कुमारी
Abstract
आखिरी सलाम में वेश्‍या जीवन के त्रासद यथार्थ को लेखिका ने कथा का आधार बनाया है। इस उपन्‍यास में यद्यपि अनेक वेश्‍याओं के जीवन प्रसंग को उद्घाटित किया गया है, परन्‍तु पीड़ा सबकी बराबर ही है। सभी लगभग प्रेम में धोखा खाकर यहॉं तक पहुँची है। उपन्‍यास स्‍पष्‍ट करता है कि वेश्‍यावृति के कई कारण हैं, जैसे गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी आदि। लेकिन इसका सबसे महत्त्‍वपूर्ण कारण है पुरुषवादी मानसिकता। किसी स्‍त्री को वेश्‍या बनाने में पुरुष की भूमिका कम नहीं। शायद ही कोई ऐसी स्‍त्री होगी जो पेट की आग बुझाने के लिए देह बेचती हो। वेश्‍यावृति स्‍त्री के लिए ऐसा दलदल है, जिसमें वह एकबार किसी कारण से धस जाय, तो जीवनभर धँसती चली जाती है।
Pages: 409-412  |  573 Views  314 Downloads
How to cite this article:
प्रियंका कुमारी. आखिरी सलाम: वेश्‍या जीवन की त्रासद अभिव्‍यक्ति. Int J Appl Res 2021;7(6):409-412.
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