Vol. 7, Issue 9, Part A (2021)
विकलांगता की परिà¤à¤¾à¤·à¤¾ और वरà¥à¤—ीकरण: आधà¥à¤¨à¤¿à¤• सनà¥à¤¦à¤°à¥à¤
विकलांगता की परिà¤à¤¾à¤·à¤¾ और वरà¥à¤—ीकरण: आधà¥à¤¨à¤¿à¤• सनà¥à¤¦à¤°à¥à¤
Author(s)
Dr. Pintu Kumar and Moni
Abstract
पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ लेख को लिखने का उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ विकलांगता को आधà¥à¤¨à¤¿à¤• संदरà¥à¤ में परिà¤à¤¾à¤·à¤¿à¤¤ करना है। मनà¥à¤·à¥à¤¯ अपने परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ के साथ बातचीत करते समय विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का अनà¥à¤à¤µ करता हैं खासकर जब उनके पास वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त बाधाà¤à¤ होती है। और विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ मतों के कारण विकलांगता की परिà¤à¤¾à¤·à¤¿à¤¤ करना आसान नहीं होता। विकलांगता को सामानà¥à¤¯ शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में परिà¤à¤¾à¤·à¤¿à¤¤ किया गया हैं कि शरीर की सामानà¥à¤¯ संरचना में कोई हानि या समसà¥à¤¯à¤¾ जो शरीर के सामानà¥à¤¯ कामकाज में बाधा उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करती हैं उसे विकलांगता कहा जाता है। जैसे देखना, सà¥à¤¨à¤¨à¤¾, चलना व बोलना आदि। विकलांगता के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ लोगों की बà¥à¤¤à¥€ जागरूकता पूरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में à¤à¤• चिंता का विषय बन गया है। जिस कारण बड़े पैमाने पर समाज के दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥‹à¤£ में महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ परिवरà¥à¤¤à¤¨ दिखाई देता है। विकलांगता के वरà¥à¤—ीकरण में मदद करने के लिठचिकितà¥à¤¸à¤¾, सामाजिक कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚/परिपेकà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚, मनोवैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• जैसे मॉडल विकसित किठगये है। तथा मानव विशेषता यह है कि वह अपà¥à¤°à¤¿à¤¯ होने पर à¤à¥€ असà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿà¥€à¤•à¥ƒà¤¤ को समà¤à¤¨à¥‡ की सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• इचà¥à¤›à¤¾ रखता है। इसीलिठविकलांगता को परिà¤à¤¾à¤·à¤¿à¤¤ और वरà¥à¤—ीकृत करना आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ हो जाता है।
How to cite this article:
Dr. Pintu Kumar, Moni. विकलांगता की परिà¤à¤¾à¤·à¤¾ और वरà¥à¤—ीकरण: आधà¥à¤¨à¤¿à¤• सनà¥à¤¦à¤°à¥à¤. Int J Appl Res 2021;7(9):58-61. DOI:
10.22271/allresearch.2021.v7.i9a.10344