Vol. 7, Issue 9, Part A (2021)
कामकाजी एवं गृहिणी महिलाओं के किशोर छात्र-छात्राओं के संवेगात्मक परिपक्वता का तुलनात्मक अध्ययन
कामकाजी एवं गृहिणी महिलाओं के किशोर छात्र-छात्राओं के संवेगात्मक परिपक्वता का तुलनात्मक अध्ययन
Author(s)
गुलशन कुमार, डॉ. भरत कुमार पण्डा एवं डॉ. उज्ज्वला सदाफळ
Abstract
आजकल समाज में जीवन की आवश्यकता हेतु, अर्थोपार्जन हेतु, परिवार के सभी सदस्य इसके लिए नियोजित होते जा रहे है । इसमें विशेषत: ग्रामीण एवं शहरी दोनों क्षेत्र में महिलाएं बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहीं हैं । आजकल उपार्जन के लिए कहीं-कहीं ऐसा होने लग जाता है । कि अर्थ ही सार सर्वस्व है । इसके कारण केवल अर्थ के प्रति लालाहित होकर बाकि विषयों को हम दर किनार करने लग जाते हैं । एसे परिस्थिति में कुछ एसी परिस्थिति निर्माण हो जाती है । कि जिसमें कामकाजी महिलाएं अपने संतानों को अधिक समय नहीं दे पाती है । जबकी संतानों के पिताओं से अधिक माताओं से लगाव रहता है । और उनसे उनकी संवेगात्मक परिपक्वता प्रगलभ होती है । जो एसे परिस्थिति में संवेगात्मक परिपक्वता व्यक्ति के व्यक्तित्व के निर्माण में हर कार्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है । जिसके तहत संवेगात्मक परिपक्वता को स्थिर रखना और उसके लिए जीवन पद्धति का निर्माण करना महत्वपूर्ण दाइत्व बन जाता है । एसे परिस्थिति में यह स्वभाविक रूप से आज की पारिस्थि में अवलोकनीय हो जाता है । कि माताओं एवं कामकाजी महिलाओं एवं गृहिणी महिलाएं उभय की अपने संतानो के परिवरिस और उनके लिए समय के साथ ही साथ, उनके संतानों में सामाजिक परिकल्पना का स्तर यह एक स्वभाविक अनुसंधान योग्य विषय है । प्रस्तुत शोध में इन्हीं विषयों की परिसिलन हेतु प्रयास किया गया हैं ।
How to cite this article:
गुलशन कुमार, डॉ. भरत कुमार पण्डा एवं डॉ. उज्ज्वला सदाफळ. कामकाजी एवं गृहिणी महिलाओं के किशोर छात्र-छात्राओं के संवेगात्मक परिपक्वता का तुलनात्मक अध्ययन. Int J Appl Res 2021;7(9):17-23.