पà¥à¤·à¥à¤ªà¤œà¥€ की रचनाओं का वैशिषà¥à¤Ÿà¥à¤¯
पà¥à¤·à¥à¤ªà¤œà¥€ की रचनाओं का वैशिषà¥à¤Ÿà¥à¤¯
Author(s)
डॉ. नीतू कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€
Abstract
हिंदी साहितà¥à¤¯ वह सà¥à¤°à¤®à¥à¤¯ उदà¥à¤¯à¤¾à¤¨ है, जहाठनाना पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के पौधे, पेड़, लताà¤à¤, à¤à¤¾à¥œà¤¿à¤¯à¤¾à¤, दूरà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤² रूपी साहितà¥à¤¯ विराजमान हैं। इनमें नाना पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की कोमल-कठोर, लाल-हरी-पीली पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤, नाना रूप-रंगों के फूल और उनकी नाना पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की सà¥à¤—ंध, तितलियाà¤, à¤à¥Œà¤‚रे, पकà¥à¤·à¥€, तालाब, आसन, पूजासà¥à¤¥à¤², योगसà¥à¤¥à¤², à¤à¥à¤°à¤®à¤£à¤¸à¥à¤¥à¤², धà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤•à¥‡à¤‚दà¥à¤° रूपी पड़ाव आदि हैं। इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ में से à¤à¤• देदीपà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨, चितà¥à¤¤à¤¾à¤•à¤°à¥à¤·à¤•, पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤• वृकà¥à¤· हैं- रॉबिन शॉ पà¥à¤·à¥à¤ªà¥¤ जितना ही इनका वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ अमल, विमल, धवल, निरà¥à¤®à¤² और उजà¥à¤œà¤µà¤² है उतना ही इनका करà¥à¤¤à¥ƒà¤¤à¥à¤µ à¤à¥€ अनà¥à¤•à¤°à¤£à¥€à¤¯, वंदनीय और पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤‚सनीय है। करà¥à¤¤à¥ƒà¤¤à¥à¤µ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ करà¥à¤¤à¤¾ का धरà¥à¤® दरà¥à¤¶à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ है।
How to cite this article:
डॉ. नीतू कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€. पà¥à¤·à¥à¤ªà¤œà¥€ की रचनाओं का वैशिषà¥à¤Ÿà¥à¤¯. Int J Appl Res 2021;7(9):82-84.