Vol. 8, Issue 1, Part D (2022)
गदà¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ खड़ीबोली हिनà¥à¤¦à¥€ के यातà¥à¤°à¤¾ में बाबू हरिशà¥à¤šà¤¨à¥à¤¦à¥à¤°’- à¤à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨
गदà¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ खड़ीबोली हिनà¥à¤¦à¥€ के यातà¥à¤°à¤¾ में बाबू हरिशà¥à¤šà¤¨à¥à¤¦à¥à¤°’- à¤à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨
Author(s)
लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ शरà¥à¤®à¤¾
Abstract
आधà¥à¤¨à¤¿à¤• हिनà¥à¤¦à¥€ खड़ी बोली को à¤à¤¾à¤—िरथी पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ से गदà¥à¤¯ के रà¥à¤ª में अलंकृत कराने वाले तथा धà¥à¤°à¥‚व पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ से विशà¥à¤µà¤ªà¤Ÿà¤² पर हिनà¥à¤¦à¥€ को समृदà¥à¤¦à¥€ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ कराने हेतॠपृषà¥à¤Ÿà¤à¥‚मि तैयार करने वाले माठà¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€ के सपूत बाबू हरिशà¥à¤šà¤¨à¥à¤¦à¥à¤° को हिनà¥à¤¦à¥€ साहितà¥à¤¯ जगत अति शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤à¤¾à¤µ से सà¥à¤®à¤°à¤£ करता है। उनà¥à¤¹à¥€à¤‚ के पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ के चलते वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में हिनà¥à¤¦à¥€ अपनी मंजील की समीपता को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करती हà¥à¤ˆ विशà¥à¤µà¤®à¤‚च में अपना वरà¥à¤šà¤¶à¥à¤µ गरिमा के साथ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करने में सकà¥à¤·à¤® होती दिखाई दे रही है, इसका शà¥à¤°à¥‡à¤¯ इन आपà¥à¤¤ पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ को ही देना चाहिठमैं à¤à¤¸à¤¾ मानता हूà¤à¥¤ हिनà¥à¤¦à¥€ की सोचनीय दशा और उरà¥à¤¦à¥‚-फारसी की पà¥à¤°à¤¬à¤²à¤¤à¤¾ के यà¥à¤— में à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥‡à¤‚दू हरिशà¥à¤šà¤¨à¥à¤¦à¥à¤° का जनà¥à¤® होना और सà¥à¤µà¤²à¥à¤ªà¤¾à¤¯à¥ में ही हिनà¥à¤¦à¥€ में विविध गधाओं को समृदà¥à¤§ करना कितना संघरà¥à¤·à¤®à¤¯ काल रहा होगा। यह महज संयोग ही नहीं हिनà¥à¤¦à¥€ साहितà¥à¤¯ के लिठवरदान से किंचित कम नहीं। उकà¥à¤¤ लेख में विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के मतों का सहारा लेकर à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥ के जीवन à¤à¤µà¤‚ साहितà¥à¤¯ समृदà¥à¤§à¤¿ को दरà¥à¤¶à¤¾à¤¨à¥‡ का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¶ किया गया है।
How to cite this article:
लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ शरà¥à¤®à¤¾. गदà¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ खड़ीबोली हिनà¥à¤¦à¥€ के यातà¥à¤°à¤¾ में बाबू हरिशà¥à¤šà¤¨à¥à¤¦à¥à¤°’- à¤à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨. Int J Appl Res 2022;8(1):202-204.