Vol. 8, Issue 12, Part B (2022)
आधà¥à¤¨à¤¿à¤• समाज के लिठसमाजशासà¥à¤¤à¥à¤°: आवशà¥à¤¯à¤•
आधà¥à¤¨à¤¿à¤• समाज के लिठसमाजशासà¥à¤¤à¥à¤°: आवशà¥à¤¯à¤•
Author(s)
डॉ॰ रजनी मैहला, डॉ॰ रेणॠठाकà¥à¤°
Abstractइन कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ के अतिरिकà¥à¤¤ सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• सेवा के पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में समाजशासà¥à¤¤à¥à¤° के जà¥à¤žà¤¾à¤¨ की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ का अनà¥à¤à¤µ किया जाने लगा। सà¥à¤µà¤°à¥à¤—ीय गोविनà¥à¤¦ बलà¥à¤²à¤ पनà¥à¤¤ ने अपने à¤à¤• à¤à¤¾à¤·à¤£ में कहा था कि à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ सेवा तथा अनà¥à¤¯ सेवाओं के परीकà¥à¤·à¥à¤¯à¤®à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ में अधिक बल समाजशासà¥à¤¤à¥à¤° à¤à¤µà¤‚ समाज कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ के अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ पर दिया जायेगा। समाजशासà¥à¤¤à¥à¤° नेताओं à¤à¤µà¤‚ राजनीतिजà¥à¤žà¥‹à¤‚ के लिठà¤à¥€ बड़ा आवशà¥à¤¯à¤• है। इसके अतिरिकà¥à¤¤ à¤à¥€ अनेक कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° हैं जिनमें समाजशासà¥à¤¤à¥à¤° के सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¤•à¥‹à¤‚ को वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¤¾à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है। तातà¥à¤ªà¤°à¥à¤¯ यह है कि मानव समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¥‹à¤‚ का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ समाजशासà¥à¤¤à¥à¤° अतà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ आवशà¥à¤¯à¤• है। इसके बिना मनà¥à¤·à¥à¤¯ का विकास पूरà¥à¤£ नहीं कहा जा सकता। जैसे जैसे हम कलà¥à¤¯à¤¾à¤£à¤•à¤¾à¤°à¥€ राजà¥à¤¯ के उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯à¥‹à¤‚ की ओर बढ़ते जायेंगे वैसे-वैसे समाजशासà¥à¤¤à¥à¤° का महतà¥à¤¤à¥à¤µ à¤à¥€ बढ़ता जायेगा। समाजशासà¥à¤¤à¥à¤° सà¥à¤– और शानà¥à¤¤à¤¿ में वृदà¥à¤§à¤¿ करता है।
How to cite this article:
डॉ॰ रजनी मैहला, डॉ॰ रेणॠठाकà¥à¤°. आधà¥à¤¨à¤¿à¤• समाज के लिठसमाजशासà¥à¤¤à¥à¤°: आवशà¥à¤¯à¤•. Int J Appl Res 2022;8(12):122-131.