Vol. 8, Issue 4, Part F (2022)
वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ काल में वरिषà¥à¤ नागरिकों की पारिवारिक à¤à¤µà¤‚ सामाजिक सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤‚ समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं का à¤à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨
वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ काल में वरिषà¥à¤ नागरिकों की पारिवारिक à¤à¤µà¤‚ सामाजिक सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤‚ समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं का à¤à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨
Author(s)
शतà¥à¤°à¥à¤˜à¥à¤¨ राऊत
Abstract
मानव जनà¥à¤® के बाद से अपनी अवसà¥à¤¥à¤¾ में परिवरà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¨ को देखता और उसमें जीता है। 21 वीं सदी में वृदà¥à¤§à¥‹à¤‚ की संखà¥à¤¯à¤¾ में अà¤à¥‚तपूरà¥à¤µ वृदà¥à¤§à¤¿ होने की संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ है। विकसित राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤‚ में सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥ à¤à¤µà¤‚ समूचित चिकितà¥à¤¸à¥€à¤¯ सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ के चलते वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ अधिक वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ तक जीवित रहते हैं अतः वृदà¥à¤§à¥‹à¤‚ की जनसंखà¥à¤¯à¤¾ विकासशील राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤‚ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ विकसित राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤‚ में जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ है। वृदà¥à¤§ लोगों में अकà¥à¤¸à¤° सीमित पà¥à¤¨à¤°à¥à¤¯à¥‹à¤œà¥€ कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾à¤à¤‚ होती है और वे यà¥à¤µà¤¾ वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤•à¥‹à¤‚ की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में बीमारी सिंडà¥à¤°à¥‹à¤® चोट और बीमारी के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ अधिक संवेदनशील होते हैं। उमà¥à¤° बà¥à¤¨à¥‡ की जैविक पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ को बà¥à¥à¤¾à¤ªà¤¾ कहा जाता है। उमà¥à¤° बà¥à¤¨à¥‡ की पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ के चिकितà¥à¤¸à¤¾ अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ को जेरोनà¥à¤Ÿà¥‹à¤²à¥‰à¤œà¥€ कहा जाता है और बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤—ों को पीड़ित करने वाले रोगों के अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ को जराचिकितà¥à¤¸à¤¾ कहा जाता है। बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤—ों को सेवानिवृतà¥à¤¤à¤¿ अकेलापन और उमà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¦ के आसपास अनà¥à¤¯ सामाजिक मà¥à¤¦à¥‹à¤‚ का à¤à¥€ सामना करना पड़ता है। बà¥à¥à¤¾à¤ªà¤¾ à¤à¤• निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ जैविक अवसà¥à¤¥à¤¾ नही है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वृदà¥à¤§à¤¾à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ के रूप में निरूपित कालानà¥à¤•à¥à¤°à¤®à¤¿à¤• आयॠसांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• और à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• रूप से à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ होती है। 2011 में संयà¥à¤•à¥à¤¤à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤° ने मानवाधिकार समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ का पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ रखा जो विशेष रूप से वृदà¥à¤§ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की रकà¥à¤·à¤¾ करेगा।
How to cite this article:
शतà¥à¤°à¥à¤˜à¥à¤¨ राऊत. वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ काल में वरिषà¥à¤ नागरिकों की पारिवारिक à¤à¤µà¤‚ सामाजिक सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤‚ समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं का à¤à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨. Int J Appl Res 2022;8(4):456-460.