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International Journal of Applied Research
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ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

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Peer Reviewed Journal

Vol. 8, Issue 6, Part A (2022)

भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की प्रासंगिकता

भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की प्रासंगिकता

Author(s)
प्रेम परिहार
Abstract
भारत में भी जुलाई 1991 के बाद से ही आर्थिक सुधारों को अपनाया गया। जिसमें भू-मण्डलीकरण, उदारीकरण और निजीकरण की नीतियों को बढ़ावा दिया गया। भारत जैसे विकासशील देश के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हमेशा गम्भीर मुद्दा रहा है। यह दो प्रकार का होता है- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को रोजगार एवं आय स्तर में वृद्धि का एक सशक्त माध्यम के रूप में देखा गया है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रमुख रूप से लोहा, अशोधित तेल, मैगनीज, तांबा एवं विद्युत शक्ति के निष्कासन में संकेंद्रित रहा है। विनिमय एवं वितरण के क्षेत्र में इसका बहुत कम योगदान रहा है। वर्ष 2018-19 में भारत में सिंगापुर, मॉरिशस, जापान, नीदरलैंड, ब्रिटेन, अमेरिका, जर्मनी, साइप्रस, संयुक्त अरब अमीरात और फ्रांस जैसे देश प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करने में अग्रणी रहे। वैश्विक निवेश रिपोर्ट 2020 के अनुसार भारत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 2019 में विश्व के देशों में 9वें स्थान पर रहा। संयुक्त राष्ट्र के व्यापार एवं विकास सम्मेलन की विश्व निवेश रिपोर्ट 2020 के अनुसार 2019 में भारत ने 51 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त किया जबकि वर्ष 2018 में यह मात्र 42 अरब डॉलर ही था। विकासशील एशिया क्षेत्र में भारत सबसे अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त करने वाले शीर्ष पाँच देशों में शामिल है।
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How to cite this article:
प्रेम परिहार. भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की प्रासंगिकता. Int J Appl Res 2022;8(6):21-24.
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