Vol. 8, Issue 6, Part E (2022)
शाबà¥à¤¦à¤¬à¥‹à¤§-सà¥à¤µà¤°à¥‚प à¤à¤µà¤‚ वैयाकरणमत
शाबà¥à¤¦à¤¬à¥‹à¤§-सà¥à¤µà¤°à¥‚प à¤à¤µà¤‚ वैयाकरणमत
Author(s)
Prashant
Abstract
पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ शोधपतà¥à¤° में शाबà¥à¤¦à¤¬à¥‹à¤§ के सà¥à¤µà¤°à¥‚प पर विचार किया गया है। वाकà¥à¤¯ को सà¥à¤¨à¤•à¤° पद à¤à¤µà¤‚ पदारà¥à¤¥ के बोध के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ जो वाकà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥ à¤à¤•à¤¾à¤•à¤¾à¤° समनà¥à¤µà¤¿à¤¤ रूप में होता है, उसी को शाबà¥à¤¦à¤¬à¥‹à¤§ कहते हैं। शबà¥à¤¦à¤œà¤¨à¥à¤¯ होने से इस जà¥à¤žà¤¾à¤¨ को शाबà¥à¤¦à¤œà¥à¤žà¤¾à¤¨ à¤à¥€ कहते हैं। शाबà¥à¤¦à¤¬à¥‹à¤§ में पद का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ मà¥à¤–à¥à¤¯ कारण है और पदारà¥à¤¥à¤œà¥à¤žà¤¾à¤¨ आदि ‘सहकारी कारण’ हैं। सहकारी कारण चार पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के हैं- आकांकà¥à¤·à¤¾, योगà¥à¤¯à¤¤à¤¾, आसतà¥à¤¤à¤¿ और तातà¥à¤ªà¤°à¥à¤¯à¥¤ आकांकà¥à¤·à¤¾- वाकà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¯à¤—à¥à¤°à¤¾à¤¹à¤¿à¤•à¤¾ ‘आकांकà¥à¤·à¤¾’। वाकà¥à¤¯ के संकेत का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ कराने वाली ‘आकांकà¥à¤·à¤¾’ है। योगà¥à¤¯à¤¤à¤¾- ‘योगà¥à¤¯à¤¤à¤¾ च परसà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤¨à¥à¤µà¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤œà¤•à¤§à¤°à¥à¤®à¤µà¤¤à¥à¤µà¤®à¥à¥¤’ पदारà¥à¤¥à¥‹à¤‚ का पारसà¥à¤ªà¤°à¤¿à¤• अनà¥à¤µà¤¯ के हेतà¥à¤à¥‚त धरà¥à¤® से यà¥à¤•à¥à¤¤ होना ‘योगà¥à¤¯à¤¤à¤¾’ कहलाती है। आसतà¥à¤¤à¤¿- पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¾à¤¨à¥à¤µà¤¯à¤¬à¥‹à¤§à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤•à¥‚लपदावà¥à¤¯à¤µà¤§à¤¾à¤¨à¤®à¥ ‘आसतà¥à¤¤à¤¿’। वाकà¥à¤¯ में पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिक अनà¥à¤µà¤¯-बोध के पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥‚ल पदों का वà¥à¤¯à¤µà¤§à¤¾à¤¨ न होना ‘आसतà¥à¤¤à¤¿’ कहलाती है। वैयाकरणों के मतानà¥à¤¸à¤¾à¤° किसी à¤à¥€ वाकà¥à¤¯ में कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ की पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤¤à¤¾ होती है। वाकà¥à¤¯ में उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ पदों में अनà¥à¤¯ पदों की अपेकà¥à¤·à¤¾ कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ होती है अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ धातà¥à¤µà¤°à¥à¤¥ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤µà¤¿à¤¶à¥‡à¤·à¥à¤¯à¤• शाबà¥à¤¦à¤¬à¥‹à¤§ होता है। कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ के मà¥à¤–à¥à¤¯ होने के कारण वाकà¥à¤¯ में कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤µà¤¿à¤¶à¥‡à¤·à¥à¤¯à¤• है, शेष सà¤à¥€ पद कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ के पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° अथवा विशेषण होते हैं।
How to cite this article:
Prashant. शाबà¥à¤¦à¤¬à¥‹à¤§-सà¥à¤µà¤°à¥‚प à¤à¤µà¤‚ वैयाकरणमत. Int J Appl Res 2022;8(6):341-345.