उचà¥à¤šà¤¤à¤° माधà¥à¤¯à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤¤à¤° पर à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ शिकà¥à¤·à¤£-अधिगम में आने वाली समसà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚
उचà¥à¤šà¤¤à¤° माधà¥à¤¯à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤¤à¤° पर à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ शिकà¥à¤·à¤£-अधिगम में आने वाली समसà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚
Author(s)
अखिल चमोली
Abstract
विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ मे सीखने और सिखाने के लिये बहà¥à¤¤ कà¥à¤› है, लेकिन वो सब कà¥à¤› विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ तक नहीं पहà¤à¥à¤š पा रहा है और जब बात विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ जैसे विषय की हो तो यह पà¥à¤°à¤•à¤°à¤£ और à¤à¥€ गमà¥à¤à¥€à¤° हो जाता है। इसके अनेक कारण हो सकते है जो विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ शिकà¥à¤·à¤£ में शामिल हैं जैसे शिकà¥à¤·à¤•, शिकà¥à¤·à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€, विषयवसà¥à¤¤à¥, वतावरण, शिकà¥à¤·à¤• का विषय वसà¥à¤¤à¥ जà¥à¤žà¤¾à¤¨, पà¥à¤¾à¤¨à¥‡ का तरीका, à¤à¤¾à¤·à¤¾ शैली, शिकà¥à¤·à¤£ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥‹à¤£, शिकà¥à¤·à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ की आयà¥, रूचि, सामाजिक-आरà¥à¤¥à¤¿à¤• सà¥à¤¤à¤°, बà¥à¤¦à¥à¤µà¤¿, आनà¥à¤µà¤¾à¤‚शिकता, माता-पिता की शिकà¥à¤·à¤¾, बैठने की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾, पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾, शà¥à¤°à¤µà¥à¤¯ दृशà¥à¤¯ सामगà¥à¤°à¥€, पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—शाला, पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¤¾à¤²à¤¯ आदि। à¤à¤• सीखने वाली विषयसà¥à¤¤à¥ की तरह हम विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ की उस शिकà¥à¤·à¤¾ को अचà¥à¤›à¥€ शिकà¥à¤·à¤¾ मानेंगे, जो विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿, विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤‚ जीवन के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ ईमानदार हो। इसके साथ-साथ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ शिकà¥à¤·à¤£ के पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤•à¤¾à¤°à¥€ होने के लिये जरूरी है कि सीखने वाले और सिखाने वाले के बीच अचà¥à¤›à¤¾ समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ हो, ताकि सीखने वाला बिना किसी à¤à¤¯ के किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ को पूछ सके, किसी तथà¥à¤¯ पर विचार-विमरà¥à¤¶ कर सके और अवलोकन को आलोचनापूरक दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥‹à¤£ से विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤¿à¤¤ कर सके। अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ का मà¥à¤–à¥à¤¯ उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ उचà¥à¤šà¤¤à¤° माधà¥à¤¯à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤¤à¤° पर à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ शिकà¥à¤·à¤£ में आने वाली समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ करना है। छातà¥à¤° और छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं के नà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤°à¥à¤¶ का यादृचà¥à¤›à¤¿à¤• चयन उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¥œ के रूदà¥à¤°à¤ªà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤— जनपद के माधà¥à¤¯à¤®à¤¿à¤• विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ से किया गया है। पà¥à¤°à¤¦à¤¤à¥à¤¤ संकलन के लिये सà¥à¤µà¤¨à¤¿à¤°à¥à¤®à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¤¾à¤µà¤²à¥€ का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— उपकरण के रूप में किया गया है। पà¥à¤°à¤¦à¤¤à¥à¤¤ विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ के लिये पद विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ नामक सांखà¥à¤¯à¤¿à¤•à¥€ का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— किया गया है। अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ के निषà¥à¤•à¤°à¥à¤·à¥‹ से पता चलता है कि उचà¥à¤šà¤¤à¤° माधà¥à¤¯à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤¤à¤° पर à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ शिकà¥à¤·à¤£-अधिगम में विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—शाला, वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾, सहायक सामगà¥à¤°à¥€ का अà¤à¤¾à¤µ, बैठने की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾, परीकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€, अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨à¤¹à¥€à¤¨à¤¤à¤¾, आरà¥à¤¥à¤¿à¤• समसà¥à¤¯à¤¾, पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨à¤¿à¤• सहयोग,अà¤à¤¿à¤à¤¾à¤µà¤•à¥‹à¤‚ की उदासीनता आदि के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
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अखिल चमोली. उचà¥à¤šà¤¤à¤° माधà¥à¤¯à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤¤à¤° पर à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ शिकà¥à¤·à¤£-अधिगम में आने वाली समसà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚. Int J Appl Res 2022;8(8):330-332.