रà¥à¤®à¥à¤¿à¤¸à¥à¤²à¤® समाज में उतार-चढाव का दौर हिंदू सामाजिक वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ से मेल खाता नजर आता है। यदà¥à¤¯à¤ªà¤¿ मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® महिलाà¤à¤‚ तà¥à¤²à¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• रूप से पारंपरिक बेड़ियो को तोेड़कर जिजà¥à¤žà¤¾à¤¸à¤¾ जगत में छिदà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤µà¥‡à¤·à¥€ रूप से सकà¥à¤°à¤¿à¤¯ à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾ रही है, लेकिन मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® समाज पर पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ की गई वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾ से सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ है मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ तथा समानता के अधिकारों से पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ वंचित ही रखा गया है। सामानà¥à¤¯à¤¤à¤ƒ सैदà¥à¤§à¤¾à¤‚तिक और वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• धरातल में à¤à¤•à¤°à¥‚पता नहीं है। मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को शिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ बनाने में पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ अवशà¥à¤¯ हà¥à¤ हैं, परंतॠकà¥à¤² जनसंखà¥à¤¯à¤¾ में पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ अà¤à¥€ à¤à¥€ कम है उनकी आरà¥à¤¥à¤¿à¤• सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ को सीमित करके पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ पर निरà¥à¤à¤° रहने के लिठविवश किया गया है। पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ पर निरà¥à¤à¤° रहने के कारण वे इसके खिलाफ आवाज बà¥à¤²à¤‚द नहीं कर पाती।
बहà¥à¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® महिलाओं की मांग है, कि मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® परà¥à¤¸à¤¨à¤² लाॅ में सà¥à¤§à¤¾à¤° किठजाà¤à¤‚ और कà¥à¤°à¤¾à¤¨ में निहित अधिकारों तक उनकी पहà¥à¤‚च हो। मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® पारिवारिक कानून विखà¥à¤‚ाणà¥à¤¡à¤¿à¤¤ है। सरकार और परिवार दोनो की ओर से इसमें बदलाव लाने के लिठमहतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ सà¥à¤§à¤¾à¤° नहीं किये गये है। यदà¥à¤¯à¤ªà¤¿ तीन तलाक पर संसद दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पारित कानून से महिलाओं को चिंताजनक सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ से राहत अवशà¥à¤¯ मिली है। इसके विपरीत आंकड़े बताते हैं कि मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® समाज में विवाह को à¤à¤‚ग करने के लिठतीन तलाक का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— सीमित है और यह à¤à¥€ तरà¥à¤•à¤ªà¥‚रà¥à¤£ है कि अकेले तलाक का मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ लैंगिक नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ के मूल का गठन नहीं कर सकता, बलà¥à¤•à¤¿ मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ और सरकार को मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ विकास पर बल देना चाहिà¤à¥¤ आधà¥à¤¨à¤¿à¤• मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® महिला ने सामाजिक, आरà¥à¤¥à¤¿à¤•, राजनीतिक कई कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® महिला सà¥à¤§à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ के जरिठसकारातà¥à¤®à¤• उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ दरà¥à¤œ की है, जो कि पà¥à¤°à¤¶à¤‚सनीय है।
अतः मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® महिलाओं के बारे में à¤à¤¸à¥€ किसी à¤à¥€ पूरà¥à¤µ धारणा मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं पà¥à¤°à¤¥à¤¾à¤“ं का तà¥à¤¯à¤¾à¤— करना चाहिठजो महिलाओं की गरिमा का विरोध करती है। लैंगिंक समानता को सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ करने के लिठसामाजिक और नैतिक मानदंडों का विकास जरूरी है जिससे मानवीय मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की अवहेलना न की जा सके। लिंग की असमानता को समापà¥à¤¤ करना अकेले सरकार का करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ नहीं बलà¥à¤•à¤¿ समाज को पितृसतà¥à¤¤à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• बेडियां तोड़नी होगी जिससे महिला अधिकारों का संवरà¥à¤§à¤¨ किया जा सके।
हजरत पैगमà¥à¤¬à¤° मोहमà¥à¤®à¤¦ साहब ने à¤à¤¸à¥€ सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤¥à¤¾à¤“ं का तà¥à¤¯à¤¾à¤— किया जो महिला अधिकारों को सीमित करती थी। पैगमà¥à¤¬à¤° पारिवारिक सà¥à¤¥à¤¿à¤°à¤¤à¤¾ के समरà¥à¤¥à¤• थे, और विवाह-विचà¥à¤›à¥‡à¤¦ को नगणà¥à¤¯ रूप में में सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करते थे। इसà¥à¤²à¤¾à¤® में à¤à¥€ विवाह-विचà¥à¤›à¥‡à¤¦ को वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• रूप ना देकर परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤µà¤¶ सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° किया गया है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ ने हलाल शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ नापसंद शबà¥à¤¦ तलाक माना है।इमà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤œ अहमद ने à¤à¥€ अपनी पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में वरà¥à¤£à¤¿à¤¤ मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® समाज का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ करके बताया कि मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ में तलाक की दर कम पाई जाती है पैगमà¥à¤¬à¤° मोहमà¥à¤®à¤¦ साहब के समय में मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® समाज में लैंगिक समानता सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ थी, उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने महिलाओं को कई à¤à¤¸à¥‡ अधिकार दिà¤, जो 19वीं, 20वीं शताबà¥à¤¦à¥€ में à¤à¥€ महिलाओं को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ नहीं हà¥à¤ जैसे विवाहित महिलाओं को संपतà¥à¤¤à¤¿ का अधिकार। पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं में महिलाà¤à¤‚ अधिकारों से वंचित थी। मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को सामाजिक जीवन में अनेक अधिकार दिठगठहैं लेकिन वे इसके पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— से वंचित होने के कारण समगà¥à¤° कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में उनकी सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ चिंताजनक बनी हà¥à¤ˆ है।