Vol. 9, Issue 12, Part D (2023)
भारतीय साहित्य के विकास में एक नई दिशा: डॉ. सरयू प्रसाद की कृतियों का योगदान
भारतीय साहित्य के विकास में एक नई दिशा: डॉ. सरयू प्रसाद की कृतियों का योगदान
Author(s)
शशिकांत कुमार
Abstract
भारतीय साहित्य का विकास ऐतिहासिक और सामाजिक परिवर्तनों का प्रतिबिंब है। यह विभिन्न युगों में साहित्यकारों की दृष्टि और उनके विचारों के माध्यम से समृद्ध हुआ है। साहित्य में मानवीय संवेदनाएँ, सामाजिक दायित्व और सुधार की भावना हमेशा से प्रमुख रही है। इस दिशा में डॉ. सरयू प्रसाद का साहित्यिक योगदान अद्वितीय है। उन्होंने अपनी कृतियों के माध्यम से साहित्य को एक नई दिशा प्रदान की। उनका लेखन केवल सामाजिक यथार्थ का चित्रण नहीं करता, बल्कि समाज में सुधार और जागरूकता लाने का आह्वान भी करता है। इस शोध पत्र में उनके साहित्यिक योगदान का गहन विश्लेषण किया गया है। उनकी कहानियाँ, उपन्यास और कविताएँ समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों की समस्याओं, उनकी संवेदनाओं और संघर्षों को उजागर करती हैं। यह अध्ययन उनके साहित्य को सामाजिक सुधार और मानवीय मूल्यों के संदर्भ में समझने का प्रयास करता है।
How to cite this article:
शशिकांत कुमार. भारतीय साहित्य के विकास में एक नई दिशा: डॉ. सरयू प्रसाद की कृतियों का योगदान. Int J Appl Res 2023;9(12):357-362.