Vol. 9, Issue 6, Part F (2023)
साहित्य में मानवीय संवेदनाएँ और सामाजिक दायित्व: डॉ. सरयू प्रसाद के कार्यों का अध्ययन
साहित्य में मानवीय संवेदनाएँ और सामाजिक दायित्व: डॉ. सरयू प्रसाद के कार्यों का अध्ययन
Author(s)
शशिकांत कुमार
Abstract
साहित्य समाज का दर्पण है, जो मानव जीवन के संवेदनशील और सामाजिक पहलुओं को उजागर करता है। मानवीय संवेदनाएँ और सामाजिक दायित्व साहित्य की मुख्य धाराओं में से एक हैं। हिंदी साहित्य में डॉ. सरयू प्रसाद का योगदान विशेष रूप से इन पहलुओं को रेखांकित करता है। उनकी रचनाओं में मानवीय पीड़ा, सामाजिक विषमता और दायित्व के प्रति जागरूकता प्रमुख रूप से उभरती है। यह शोध पत्र उनकी कृतियों का गहन विश्लेषण करता है और यह जांच करता है कि उन्होंने अपनी कहानियों, उपन्यासों और कविताओं के माध्यम से कैसे समाज की ज्वलंत समस्याओं और मानवीय मूल्यों को प्रस्तुत किया। उनकी रचनाओं में पात्रों के संघर्ष और समाज की असमानताओं को इतनी गहराई से चित्रित किया गया है कि वे पाठकों को सोचने और सामाजिक सुधार की दिशा में प्रेरित करते हैं। इस शोध में यह निष्कर्ष निकाला गया है कि उनकी लेखनी केवल साहित्यिक अभिव्यक्ति नहीं है, बल्कि समाज के प्रति एक गहरी जिम्मेदारी का उदाहरण है। उनकी रचनाएँ मानवीय करुणा और सामाजिक सुधार की प्रेरणा का सशक्त माध्यम बनकर पाठकों को सामाजिक दायित्वों और संवेदनशीलता के प्रति जागरूक करती हैं।
How to cite this article:
शशिकांत कुमार. साहित्य में मानवीय संवेदनाएँ और सामाजिक दायित्व: डॉ. सरयू प्रसाद के कार्यों का अध्ययन. Int J Appl Res 2023;9(6):460-466.