Vol. 10, Issue 1, Part A (2024)
बदलते मानवीय मूल्यों के संदर्भ में ‘रेहन पर रग्घू’ का अध्ययन’
बदलते मानवीय मूल्यों के संदर्भ में ‘रेहन पर रग्घू’ का अध्ययन’
Author(s)
सौरभ कुमार, डाॅ. कुमार वीरेन्द्र सिंह
Abstract
भूमण्डलीकरण के परिणामस्वरूप हमारे जीवन मूल्यों, मानवीय सम्बंधों, सामूहिकता आदि में बड़ा बदलाव देखने को मिलता है। दूसरे शब्दों में कहें तो भूमण्डलीकरण ने हमारे सभी पुराने मूल्यों को उखाड़कर हाशिए पर दकेल दिया है और उनके स्थान पर नये आधुनिक मूल्य-जोकि बाजारवादी व्यवस्था के मानकों के अनुरूप होते हैं- को स्थापित किया है। इन नये मूल्यों एवं नई व्यवस्था में व्यक्ति स्वयं को ठगा महसूस करता है और भीड़ में अकेलेपन का शिकार होता है। भूमण्डलीकरण की आँधी में व्यक्ति के अकेले होने की त्रासद कथा को कथाकार काशीनाथ सिंह ने अपने उपन्यास ‘रेहन पर रग्घू’ के माध्यम से अभिव्यक्त किया है। अकेले पड़ते जा रहे मनुष्य की इस त्रासद कथा में उपन्यासकार ने बदलते मानवीय सम्बंधों एवं जीवन मूल्यों को भी रेखांकित किया है। प्रस्तुत शोध आलेख में इन्हीं बदलते जीवन मूल्यों के आलोक में काशीनाथ सिंह द्वारा रचित उपन्यास ‘रेहन पर रग्घू’ का अध्ययन किया गया है।
How to cite this article:
सौरभ कुमार, डाॅ. कुमार वीरेन्द्र सिंह. बदलते मानवीय मूल्यों के संदर्भ में ‘रेहन पर रग्घू’ का अध्ययन’. Int J Appl Res 2024;10(1):51-53.