Vol. 10, Issue 3, Part B (2024)
भूदान आन्दोलन की हिन्दी साहित्य में अभिव्यक्ति (आन्दोलन, कल्पना और साहित्य)
भूदान आन्दोलन की हिन्दी साहित्य में अभिव्यक्ति (आन्दोलन, कल्पना और साहित्य)
Author(s)
अमृता राव
Abstractभूदान आंदोलन इतिहास में घटित एक बड़ी सामाजिक-राजनीतिक परिघटना है। हिंदी साहित्य की लगभग सभी विधाओं में बड़े-बड़े साहित्यकारों ने इस आन्दोलन पर रचनाएं लिखी है । इस आंदोलन को एक और हिंसा और लोभ के ऊपर सौहार्द और सहज मानवीय उदारता के विजय के रूप में देखा गया है दूसरी ओर इसे प्रगति विरोधी, क्रांतिविरोधी, और बड़े भूस्वामियों का पोषक मानकर इसकी उपेक्षा की गई है।इन्हीं विचारों, घटनाओं का उल्लेख हिन्दी साहित्यकारों ने हिन्दी साहित्य में किया है। उन्हीं रचनाओं का विवेचन और विश्लेषण किया गया है।
How to cite this article:
अमृता राव. भूदान आन्दोलन की हिन्दी साहित्य में अभिव्यक्ति (आन्दोलन, कल्पना और साहित्य). Int J Appl Res 2024;10(3):107-111.