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ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

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Vol. 10, Issue 8, Part B (2024)

जैविक खेती के राष्ट्रीय एवं राज्यीय परिदृश्य, बिहार के विशेष संदर्भ में

जैविक खेती के राष्ट्रीय एवं राज्यीय परिदृश्य, बिहार के विशेष संदर्भ में

Author(s)
निरंजन कुमार
Abstract
भारत में प्राकृतिक खेती कोई नई अवधारणा नहीं है। अतः अंतराष्ट्रीय मानकों के अनुपालन में उत्पादकों की अधिक जगरूकता और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने से भारतीय जैविक किसान जल्द ही वैश्विक कृषि व्यापार में प्रमुख भूमिका निभाने में सक्षम होगे। भारत दुनिया के शीर्ष देशों में तीसरे स्थान पर है। 2020 में वैश्विक स्तर पर जैविक खेती के तहत कुल वृद्धि 3 मिलियन हेक्टयर थी। जिसमें 781000 हेक्टयर के साथ पहले स्थान पर अर्जेेटीना और इसके बाद उरूग्वे 589000 हेक्टयर के साथ दूसरे स्थान और भारत 359000 हेक्टयर के साथ तीसरे स्थान पर है। भारत के लगभग सभी राज्यों में जैविक खेती की जाती है। सिक्किम को औपचारिक रूप से 2016 में 100 प्रतिशत जैविक राज्य घोषित किया गया। सेंटर आॅफ साइंस एंड एनवायरनमेंट द्वारा हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया है कि शीर्ष तीन राज्य, जो जैविक खेती के तहत लगभग आधे क्षेत्र आते है वो है मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र। शेष अधिकांश राज्यों का केवल एक छोटा सा हिस्सा ही जैविक खेती के अंतर्गत है। मेधालय, मिजोरम, उत्तराखंड, गोवा और सिक्किम में उनके शुद्ध बोए गए क्षेत्र का 10 प्रतिशत या इससे अधिक हिस्सा र्हैै। वत्र्तमान में बिहार में 73 हजार एकड में जैविक खेती हो रही है। बिहार के कृषि रोड मैप के तहत जैविक खेती एवं उसके विपणन के लिए योजनाऐं चलाई जा रही है। साथ ही वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन के लिए भी सरकार किसानों को सहायता दे रही है। इसका असर यह हुआ कि पिछले 5 वर्षो में बिहार में जैविक कृषि की रकवा में 300 गुणा तक वृद्धि हुई है। 2015-16 में 226.2 एकड़ से 2020-21 73859.2 एकड़ तक का सफर तय किया है। बिहार में सब्जी, फल, दलहन एवं कतरनी चावल की खेती जैविक तरीके से किया जाता है। बिहार का पहला जैविक खेती करने वाला गांव केडिया है जो जमुई जिला में पड़ता है। इस गांव में सर्वप्रथम 2014 से जैविक खेती की गई। करीब 107 परिवार वाले इस गांव में 45 एकड़ जमीन पर जैविक खेती की जाती है।
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How to cite this article:
निरंजन कुमार. जैविक खेती के राष्ट्रीय एवं राज्यीय परिदृश्य, बिहार के विशेष संदर्भ में. Int J Appl Res 2024;10(8):90-93.
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