Vol. 10, Issue 8, Part C (2024)
किशोरियों के स्वास्थ्य पर उनके दैनिक गतिविधियों का प्रभाव
किशोरियों के स्वास्थ्य पर उनके दैनिक गतिविधियों का प्रभाव
Author(s)
अलका रानी, डॉ. पूनम कुमारी
Abstract
यह शोध पत्र किशोरावस्था की एक महत्वपूर्ण विकासात्मक चरण के दौरान किशोरियों के शारीरिक स्वास्थ्य पर इन कारकों ;जीवनशैली पैटर्न, प्रतिरक्षा, व्यायाम की आदतें, नाश्ता खाना और नींद की गुणवत्ताद्ध के बहुमुखी प्रभावों की खोज करता है। किशोरावस्था के दौरान किशोरियों का स्वास्थ्य दैनिक गतिविधियों से काफी प्रभावित होता है, जिसमें जीवनशैली पैटर्न, प्रतिरक्षा, व्यायाम की आदतें, नाश्ता खाना और नींद की गुणवत्ता शामिल है। इन प्रभाव को समझने हेतु इस शोध पत्र का उद्देश्य-किशोरियों के स्वास्थ्य पर उनके दैनिक गतिविधियों का प्रभाव का अध्ययन करना था। जिसे पटना शहर के खगौल स्थित मौर्य विहार कलाॅनी क्षेत्र के 12-15 वर्ष के 300 किशोरियों को उद्देश्य पूर्ण सह-आकस्मिक विधि द्वारा चयनित किया गया जिसमें आँकड़ों के संग्रह के लिए उनके दैनिक गतिविधियों का अवलोकन कर सवरचित अनुसूची का प्रयोग कर प्रतिशत के आधार पर आँकड़ो का विश्लेषण किया गया। जिसमें उनके दैनिक गतिविधियों के प्रभाव के विश्लेषण से ज्ञात हुआ कि 32 प्रतिशत किशोरियाँ अपने दैनिक गतिविधियों में 7-8 घंटे की पर्याप्त नींद ले रही थी जो उनके स्वास्थ्य को आकार देने में महत्वर्पूण भूमिका नीभा रही थी जबकि 30 प्रतिशत अपने जीवनशैली पैटर्न तथा अपने स्वास्थ्य को वेहतर रखने के लिए सुबह के 5-6 बजे उठ रही थी वहीं 45 प्रतिशत किशोरियों का नियमित समय पर नाश्ता करना तथा 43ण्33 प्रतिशत लड़कियों का प्रतिदिन व्यायम करने जैसी दैनिक गतिविधियाँ कहीं न कहीं उनके स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डाल रही थी वहीं 46 प्रतिशत का स्वास्थ्य उनके दैनिक गतिविधियों के प्रभाव के कारण सामान्य पाया गया जबकि अध्ययन में सम्मिलित 39 प्रतिशत लड़कियाँ अपने दैनिक गतिविधियों में आधुनिक तथा परम्परागत दोनों प्रकार की जीवनशैली को अपना कर अपने स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही थी। इस अध्ययन के परिणामस्वरूप संकेत मिला है कि सकारात्मक जीवनशैली पैटर्न बेहतर स्वास्थ्य परिणामों से संबंधित हैं परिणामों के निष्कर्ष अनुसार, किशोरियों के नियमित भोजन का समय बेहतर चयापचय दरों और खाने के विकारों के कम जोखिम से जुड़ा हुआ पाया गया। इसके विपरीत, शैक्षणिक दबाव या सामाजिक गतिशीलता से तनाव प्रतिरक्षा कार्य को कमजोर कर रहा था, जिससे किशोरियाँ संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हो रही थी। नियमित व्यायाम न केवल वजन प्रबंधन में मदद करता है बल्कि एंडोर्फिन के स्राव के माध्यम से मूड को भी बेहतर बनाता है। नाश्ते का सेवन किशोरियों में संज्ञानात्मक कार्य और समग्र स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा था। नाश्ता न करने से पूरे दिन एकाग्रता के स्तर में कमी से खराब शैक्षणिक प्रदर्शन से जुड़ा हुआ था। पौष्टिक नाश्ता बेहतर ऊर्जा स्तर और चयापचय विनियमन में योगदान दे रहा था। किशोरियों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त नींद बहुत ज़रूरी है। नींद की कमी से किशोरियों में कई तरह के नकारात्मक परिणाम हो रहे थे, हालाँकि, नियमित नींद की दिनचर्या स्थापित करने से नींद की गुणवत्ता और समग्र स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह प्रारंभिक अवधि के दौरान स्वस्थ व्यवहार को बढ़ावा देना दीर्घकालिक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है।