Vol. 11, Issue 1, Part B (2025)
स्त्रीवादी राजनीति की सामाजिक स्वीकृति: आलोचना, समर्थन और विरोध के संदर्भ में एक अध्ययन
स्त्रीवादी राजनीति की सामाजिक स्वीकृति: आलोचना, समर्थन और विरोध के संदर्भ में एक अध्ययन
Author(s)
अरुण कुमार, रामकैलाश यादव
Abstract
स्त्रीवादी राजनीति नारी सशक्तिकरण का एक प्रमुख माध्यम रही है, जिसने सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्र में महिलाओं को समानता दिलाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह अध्ययन स्त्रीवादी राजनीति की सामाजिक स्वीकृति के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित है, जिसमें इसके समर्थन, आलोचना और विरोध को व्यापक दृष्टिकोण से विश्लेषित किया गया है। समाज में स्त्रीवादी विचारधारा को लेकर विभिन्न मत देखे जाते हैं—कुछ इसे महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए एक अनिवार्य आंदोलन मानते हैं, तो कुछ इसे सामाजिक संरचना के लिए एक चुनौती के रूप में देखते हैं। इस शोध पत्र में स्त्रीवादी राजनीति की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, उसकी प्रमुख विचारधाराएँ, तथा भारतीय समाज में इसकी स्वीकृति और अस्वीकृति के कारणों का गहन अध्ययन किया गया है। अध्ययन से पता चलता है कि स्त्रीवादी राजनीति को व्यापक समर्थन प्राप्त हुआ है, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहाँ महिलाओं की सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक स्थिति कमजोर रही है। हालाँकि, पितृसत्तात्मक समाज में इसे लगातार विरोध का सामना करना पड़ा है, जिसमें इसे पारिवारिक और सामाजिक संरचना को प्रभावित करने वाला आंदोलन बताया जाता है। शोध पत्र का निष्कर्ष यह दर्शाता है कि स्त्रीवादी राजनीति की सामाजिक स्वीकृति बढ़ रही है, लेकिन इसे पूर्णरूपेण स्वीकार किए जाने के लिए अभी भी लंबी यात्रा तय करनी होगी। सामाजिक चेतना, शिक्षा और नीतिगत सुधार इसके व्यापक प्रभाव को स्वीकार्य बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
How to cite this article:
अरुण कुमार, रामकैलाश यादव. स्त्रीवादी राजनीति की सामाजिक स्वीकृति: आलोचना, समर्थन और विरोध के संदर्भ में एक अध्ययन. Int J Appl Res 2025;11(1):138-145.