Vol. 11, Issue 2, Part D (2025)
भारत की विदेश नीति : मोदी काल की एक विश्लेषणात्मक अध्ययन
भारत की विदेश नीति : मोदी काल की एक विश्लेषणात्मक अध्ययन
Author(s)
आँचल कुमारी
Abstractभारत, विश्व के सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के साथ - साथ विश्व में सुदृढ़ एवं सशक्त विदेश नीति के लिए भी जाना जाता है। साथ ही राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुकूल अपना सामंजस्य स्थापित करने में भारतीय विदेश नीति सदैव सफल रही है। 1947 से वर्तमान तक भारत को विदेश नीति के प्रत्येक क्षेत्र में अनेक सफलता हासिल हुए हैं। भारत के आजादी से अब तक भारतीय विदेश नीति का निरंतर विकास हुआ है। यह एक गतिहीन विदेश नीति न होकर गतिशील विदेश नीति है। जैसे - जैसे भारत के राष्ट्रीय हित में विदेशी परिस्थितियों के परिपेक्ष्य में परिवर्तन आया वैसे-वैसे ही विदेश नीति का स्वरूप भी बदलता गया।
21वीं शताब्दी में बदलते वैश्विक परिदृश्य में भारत की विदेश नीति में कई परिवर्तन हुआ है। श्री अटल बिहारी वाजपेई के अंतिम कार्यकाल से लेकर डॉ.मनमोहन सिंह तथा वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी तक भारत की विदेश नीति में काफी परिवर्तन के दौर से गुजर रही है। वर्तमान समय में भारतीय विदेश नीति राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा करते हुए बेझिझक निर्णय लेती है। अब विश्व पटल पर भारत एक आर्थिक और सैनिक दृष्टि से बढ़ती हुई महाशक्ति के रूप में दिखाई पड़ता है। वर्तमान में वैश्विक संदर्भ में कोई भी निर्णय हो तो उसमें भारत की भागीदारी अपना महत्वपूर्ण योगदान रखती है। वर्तमान में भारत अपने विदेश नीति के संबंध में महत्वपूर्ण कठोर निर्णय लेने में कोई संकोच नहीं करता। भारत वर्तमान में अपनी दशकों पुराने सुरक्षात्मक नीतियों को बदलते हुए अब अधिक स्पष्ट और आक्रामक नीति की ओर अग्रसर हो रहा है तथा विश्व पटल पर अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा में अपने महत्वपूर्ण भागीदारी निभा रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ या अंतरराष्ट्रीय संगठन, इन सभी में भारत की विदेश नीति अपना एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। वर्तमान भारतीय विदेश नीति भारत को विश्व गुरु का दर्जा वापस दिलाने के लिए पूरी तरह से मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है।