Vol. 11, Issue 4, Part F (2025)
भारतीय संविधान में संपत्ति का अधिकार
भारतीय संविधान में संपत्ति का अधिकार
Author(s)
Dheeraj Tiwari and Dr. Mrityunjay Kumar Rai
Abstract
भारतीय संविधान में संपत्ति का अधिकार एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय रहा है, जो समय के साथ कई संवैधानिक, विधिक और राजनीतिक परिवर्तनों से गुजरा है। प्रारंभ में इसे मौलिक अधिकार के रूप में स्थान दिया गया था, किन्तु 44 वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1978 के माध्यम से इसे मौलिक अधिकारों की सूची से हटाकर एक कानूनी अधिकार के रूप में पुनः परिभाषित किया गया। यह शोध आलेख संपत्ति के अधिकार के ऐतिहासिक विकास, संवैधानिक प्रावधानों, प्रमुख न्यायिक निर्णयों एवं आलोचनात्मक पहलुओं का विश्लेषण करता है। इसका उद्देश्य यह समझना है कि क्या संपत्ति का अधिकार आज भी व्यक्ति की गरिमा और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए आवश्यक है या नहीं।
How to cite this article:
Dheeraj Tiwari, Dr. Mrityunjay Kumar Rai. भारतीय संविधान में संपत्ति का अधिकार. Int J Appl Res 2025;11(4):377-378.