Vol. 11, Issue 4, Part F (2025)
सोशल मीडिया से बिगड़ता सामाजिक ताना-बाना
सोशल मीडिया से बिगड़ता सामाजिक ताना-बाना
Author(s)
प्रेम परिहार
Abstract
आज विश्व में लगभग 200 से ज्यादा सोशल नेटवर्किग साइट्स है। इनमें वाट्सअप, फेसबुक, ट्वीटर, आर्कुट, माईस्पेस, लिंक्डइन तथा इंस्टाग्राम सबसे अधिक लोकप्रिय है। वर्तमान में प्रत्येक व्यक्ति के पास मोबाइल फोन है जो सूचना का सबसे बड़ा साधन बन गया है। इसके माध्यम से सोशल मीडिया का उपयोग आसानी से किया जा सकता है। आॅक्सफोर्ड इंटरनेट इंस्टीटयूट के समाजशास्त्री एच. इटन ने सोशल मीडिया को लोकतंत्र के पाँचवें स्तम्भ की संज्ञा दी है। सोशल मीडिया आज की प्रमुख जरुरत है। अनेक क्षेत्रों में सोशल मीडिया के माध्यम से क्रांति आयी है। यह किसी भी देश के सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक एवं आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सोशल मीडिया ने जहाँ एक तरफ जनचेतना जाग्रत की है वहीं कुछ समाज विरोधी ताकतों ने इसका गलत इस्तेमाल भी किया है। सोशल मीडिया के द्वारा बढ़ रहे साइबर क्राइम और अवसाद से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। किसी भी सामाजिक घटना के पक्ष एवं विपक्ष की बातें आज कुछ क्षणों में विश्व में फैल रही है जिसका सकारात्मक एवं नकारात्मक प्रभाव भारतीय समाज पर भी दिखाई देता है। यहाँ हम सोशल मीडिया के सामाजिक ढांचे पर पड़ रहे नकारात्मक एवं विनाशकारी प्रभावों की चर्चा करेंगे।
How to cite this article:
प्रेम परिहार. सोशल मीडिया से बिगड़ता सामाजिक ताना-बाना. Int J Appl Res 2025;11(4):379-382.