Vol. 11, Issue 5, Part G (2025)
सहकारी बैंकिंग सेवाओं के आधुनिकीकरण में वित्तीय प्रौद्योगिकी की भूमिका
सहकारी बैंकिंग सेवाओं के आधुनिकीकरण में वित्तीय प्रौद्योगिकी की भूमिका
Author(s)
सत्यजीत सोनी, प्रीति शुक्ला
Abstract
वित्तीय प्रौद्योगिकी (FinTech) ने पारंपरिक बैंकिंग संरचनाओं को आधुनिक स्वरूप प्रदान करने में एक प्रमुख भूमिका निभाई है। यह अध्ययन विशेष रूप से सहकारी बैंकों के संदर्भ में वित्तीय प्रौद्योगिकी के प्रभाव का विश्लेषण करता है, जहाँ तकनीकी नवाचारों के माध्यम से दक्षता, पारदर्शिता और उपयोगकर्ता अनुभव में सुधार की संभावनाओं को परखा गया है। सहकारी बैंक, जो परंपरागत रूप से ग्रामीण एवं अर्ध-शहरी क्षेत्रों में सीमित संसाधनों के साथ कार्य करते आए हैं, अब डिजिटल सेवाओं के माध्यम से अधिक तेज़, उत्तरदायी और ग्राहक-केंद्रित होते जा रहे हैं।सर्वेक्षण और सह-संबंध विश्लेषण के आधार पर यह स्पष्ट होता है कि फिनटेक के उपयोग से न केवल बैंकिंग सेवाएं अधिक कुशल बनी हैं, बल्कि ग्राहकों के बीच भरोसा और पारदर्शिता भी बढ़ी है। हालांकिकुछ चुनौतियाँ जैसे तकनीकी आधारभूत ढांचे की कमी, साइबर सुरक्षा जोखिम और डिजिटल साक्षरता की कमी, छोटे सहकारी बैंकों के लिए अवरोध उत्पन्न कर सकती हैं।अतः निष्कर्षतः कहा जा सकता है कि वित्तीय प्रौद्योगिकी सहकारी बैंकों के आधुनिकीकरण में एक परिवर्तनकारी उपकरण सिद्ध हो रही है, जिससे न केवल उनकी संचालन क्षमता बढ़ रही है, बल्कि समावेशी वित्तीय सेवाओं की दिशा में भी ठोस प्रगति हो रही है।
How to cite this article:
सत्यजीत सोनी, प्रीति शुक्ला. सहकारी बैंकिंग सेवाओं के आधुनिकीकरण में वित्तीय प्रौद्योगिकी की भूमिका. Int J Appl Res 2025;11(5):525-528.