Vol. 1, Issue 2, Part C (2015)
बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ और à¤à¤¾à¤°à¤¤
बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ और à¤à¤¾à¤°à¤¤
Author(s)
Dr. Deepika Yadav
Abstract
सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ का अरà¥à¤¥ आधà¥à¤¨à¤¿à¤• काल में 'सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦' शबà¥à¤¦ का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— दो अरà¥à¤¥à¥‹à¤‚ में किया जाता है- पहला आरà¥à¤¥à¤¿à¤• और दूसरा राजनीतिक। आरà¥à¤¥à¤¿à¤• सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ का तातà¥à¤ªà¤°à¥à¤¯ à¤à¤• देश दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दूसरे देश के आरà¥à¤¥à¤¿à¤• शोषण तथा सà¥à¤µà¤¾à¤®à¤¿à¤¤à¥à¤µ से है। राजनीतिक सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ से à¤à¤• देश दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दूसरे देश के राजनीतिक शोषण का बोध होता है। राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का अपने पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ और नियनà¥à¤¤à¥à¤°à¤£ को फैलाना ही सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ कहा जायेगा। शूमा के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, "सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦à¥€ देश चाहे जितनी नैतिकता का सà¥à¤µà¤¾à¤‚ग à¤à¤°à¥‡à¤‚ और बहाने करें, परनà¥à¤¤à¥ सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ वासà¥à¤¤à¤µ में अधीन जातियों पर हिंसा और शकà¥à¤¤à¤¿ के साधनों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ विदेशी शासन लादने के अतिरिकà¥à¤¤ और कà¥à¤› नहीं है।"
How to cite this article:
Dr. Deepika Yadav. बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ और à¤à¤¾à¤°à¤¤. Int J Appl Res 2015;1(2):179-182.