Vol. 1, Issue 2, Part C (2015)
छोटानागपà¥à¤° कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° का à¤à¥Œà¤—ोलिक परिदृशà¥à¤¯ à¤à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨
छोटानागपà¥à¤° कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° का à¤à¥Œà¤—ोलिक परिदृशà¥à¤¯ à¤à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨
Author(s)
मनोज कà¥à¤®à¤¾à¤° पंडित
Abstract
à¤à¤¾à¤°à¤–ंड राजà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से दो मà¥à¤–à¥à¤¯ à¤à¤¾à¤—ों में विà¤à¤•à¥à¤¤ है। छोटानागपà¥à¤° और संथाल परगना। इसकी à¤à¥Œà¤—ोलिक सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ महतà¥à¤¤à¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ है। यह मधà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के विशाल पठार पर पूरà¥à¤µà¥€ à¤à¤¾à¤— है। पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ ने इसे à¤à¤¾à¤°à¤¤ के अनà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶à¥‹à¤‚ से बहà¥à¤¤ कà¥à¤› पृथक कर दिया है। यह à¤à¤¾à¤— पहाड़ों और जंगलों से à¤à¤°à¤¾ है। पहाड़ों में कितने ही सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° à¤à¤°à¤¨à¥‡ और जलपà¥à¤°à¤ªà¤¾à¤¤ हैं। इसका उतà¥à¤¤à¤°à¥€ और पूरà¥à¤µà¥€ हिसà¥à¤¸à¤¾ कम ऊà¤à¤šà¤¾à¤ˆ पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ 600 मीटर है। हजारीबाग तथा गिरिडीह जिलों में बहà¥à¤¤-सी à¤à¤¸à¥€ पहाड़ियाठहैं जो 600 से 1400 मीटर तक ऊà¤à¤šà¥€ हैं। यहाठकी पारसनाथ पहाड़ी à¤à¤¾à¤°à¤–ंड में सबसे ऊà¤à¤šà¥€ पहाड़ी मानी जाती है। जैन-धरà¥à¤® से संबदà¥à¤§ होने के कारण यह समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¤¾à¤°à¤¤ में पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ है। यहाठगरà¥à¤® जल के अनेक à¤à¤°à¤¨à¥‡ हैं। राà¤à¤šà¥€ जिला में सबसे पहाड़ की ऊà¤à¤šà¤¾à¤ˆ 1200 मीटर है। इसी जिले में हà¥à¤‚डू-जलपà¥à¤°à¤ªà¤¾à¤¤ à¤à¤¾à¤°à¤–ंड का सबसे बड़ा और पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ जलपà¥à¤°à¤ªà¤¾à¤¤ है जो 100 मीटर की ऊà¤à¤šà¤¾à¤ˆ से गिरता है।
How to cite this article:
मनोज कà¥à¤®à¤¾à¤° पंडित. छोटानागपà¥à¤° कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° का à¤à¥Œà¤—ोलिक परिदृशà¥à¤¯ à¤à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨. Int J Appl Res 2015;1(2):202-204.