Vol. 1, Issue 7, Part B (2015)
जैन संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ में नारी के संदरà¥à¤ में धारà¥à¤®à¤¿à¤• जीवन
जैन संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ में नारी के संदरà¥à¤ में धारà¥à¤®à¤¿à¤• जीवन
Author(s)
डाॅ. संतोष गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾
Abstract
जैन संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ में नारी के धारà¥à¤®à¤¿à¤• जीवन पर अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ डाला गया है। उस समय में नारियाठधारà¥à¤®à¤¿à¤• जीवन के साथ वà¥à¤°à¤¤-उपवास किया करती थीं। तप में रत नारियों को तपसà¥à¤µà¤¿à¤¨à¥€, आरà¥à¤¯à¤¿à¤•à¤¾, शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤¿à¤•à¤¾ कहा गया है। सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ महातप का à¤à¥€ उलà¥à¤²à¥‡à¤– मिलता है। विमला और सà¥à¤ªà¥à¤°à¤à¤¾ नामक देवियाठननà¥à¤¦à¥€à¤¶à¥à¤µà¤° परà¥à¤µ की यातà¥à¤°à¤¾ में जिनपूजा के लिठआयी थी, लेकिन किसी कारणवश ये संसार से विरकà¥à¤¤ हो महातप करने लगीं। जैन संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ में अनेक देवियों जैसे- सरसà¥à¤µà¤¤à¥€, लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€, शचि à¤à¤µà¤‚ अनेक अपà¥à¤¸à¤°à¤¾à¤“ं का à¤à¥€ वरà¥à¤£à¤¨ मिलता है। यही कारण है कि इन पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ में नारी के धारà¥à¤®à¤¿à¤• जीवन पर अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• गहराई से पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ डाला गया है।
How to cite this article:
डाॅ. संतोष गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾. जैन संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ में नारी के संदरà¥à¤ में धारà¥à¤®à¤¿à¤• जीवन. Int J Appl Res 2015;1(7):107-108.