Vol. 1, Issue 7, Part N (2015)
हिनà¥à¤¦à¥€ उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ में जीवन-मूलà¥à¤¯, धरà¥à¤®-संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿, मनोविजà¥à¤žà¤¾à¤¨, पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¯à¥à¤—-चेतना, नैतिकता, सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€-पà¥à¤°à¥‚ष-समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§, असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µà¤µà¤¾à¤¦à¥€ चिनà¥à¤¤à¤¨ विषयों पर केनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¿à¤¤ चिनà¥à¤¤à¤¨
हिनà¥à¤¦à¥€ उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ में जीवन-मूलà¥à¤¯, धरà¥à¤®-संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿, मनोविजà¥à¤žà¤¾à¤¨, पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¯à¥à¤—-चेतना, नैतिकता, सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€-पà¥à¤°à¥‚ष-समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§, असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µà¤µà¤¾à¤¦à¥€ चिनà¥à¤¤à¤¨ विषयों पर केनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¿à¤¤ चिनà¥à¤¤à¤¨
Author(s)
डॉ. ममता रानी अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤²
Abstract
किसà¥à¤¸à¤¾à¤—ोई और सोदेशà¥à¤¯à¤¤à¤¾ के कारक हिनà¥à¤¦à¥€ उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ को सà¥à¤¥à¤¿à¤°à¤¤à¤¾ देने में बड़े सहायक सिदà¥à¤§ हà¥à¤,परनà¥à¤¤à¥ आदरà¥à¤¶, मरà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ और सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• विरासत की रकà¥à¤·à¤¾ के उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ से लिखे जाने वाले उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ की धारा बहà¥à¤¤ दूर तक नहीं चली और पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ विचारक, जैसे कारà¥à¤² मारà¥à¤•à¥à¤¸, फà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤¡, जॉय पॉल सारà¥à¤¤à¥à¤°, अलà¥à¤µà¥‡à¤¯à¤° कामू आदि की सनसनीखेज विचार पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से विशà¥à¤µà¤à¤° के साहितà¥à¤¯ की विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ विधाओं पर सà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¥€ रूप से पड़ा| अंतरà¥à¤œà¤—त के अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ में विकसित मनोविजà¥à¤žà¤¾à¤¨ के पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ के कारण उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ में बहिरà¥à¤—त यथारà¥à¤¥ की जगह अतियथारà¥à¤¥ को रूपायित किया जाने लगा| परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤—त नैतिक विधान तथा यौन-वरà¥à¤œà¤¨à¤¾à¤“ं की असरता साबित हो जाने की वजह से अवचेतन मन में दबकर सà¥à¤²à¤—ती हà¥à¤ˆ कà¥à¤‚ठाओं का खà¥à¤²à¤•à¤° चितà¥à¤°à¤£ किया जाने लगा| यहाठतक आते-आते हिनà¥à¤¦à¥€ उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ की आनà¥à¤¤à¤°à¤¿à¤• धारा ही बदल जाती है| यहाठहिनà¥à¤¦à¥€ उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ à¤à¤• सà¥à¤¤à¤° पर समकालीन जीवन के वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• विसà¥à¤¤à¤¾à¤° को समेटता है, तो दूसरे सà¥à¤¤à¤° पर, पहले से सरà¥à¤µà¤¥à¤¾ अलग सामाजिक और वैयकà¥à¤¤à¤¿à¤• जीवन को गहराई के आयाम में चितà¥à¤°à¤¿à¤¤ करता है, जिसमें जीवन के विविध à¤à¤µà¤‚ उसके आस-पास के परिवेश à¤à¤µà¤‚ उसके समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¥‹à¤‚ को चितà¥à¤°à¤¿à¤¤ करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ मिलता है| इस कà¥à¤°à¤® में थोड़ी à¤à¤¾à¤µà¥à¤• आदरà¥à¤¶à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤¤à¤¾ अथवा रोमांटिक दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥‹à¤£ के बजाय वैयकà¥à¤¤à¤¿à¤• ईमानदारी और निरà¥à¤®à¤® यथारà¥à¤¥à¤ªà¤°à¤•à¤¤à¤¾ का आगà¥à¤°à¤¹ बà¥à¤¤à¤¾ है| हिनà¥à¤¦à¥€ उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ ने आनà¥à¤¤à¤°à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ को पकड़ने के पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ में घटनातà¥à¤®à¤•à¤¤à¤¾, कथा-चरितà¥à¤°à¥‹à¤‚ की उपेकà¥à¤·à¤¾ करते हà¥à¤ संवेदना के मूल रूप को उसकी यथारà¥à¤¥à¤¤à¤¾ में अंकित करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ किया है|
How to cite this article:
डॉ. ममता रानी अगà¥à¤°à¤µà¤¾à¤². हिनà¥à¤¦à¥€ उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ में जीवन-मूलà¥à¤¯, धरà¥à¤®-संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿, मनोविजà¥à¤žà¤¾à¤¨, पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¯à¥à¤—-चेतना, नैतिकता, सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€-पà¥à¤°à¥‚ष-समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§, असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µà¤µà¤¾à¤¦à¥€ चिनà¥à¤¤à¤¨ विषयों पर केनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¿à¤¤ चिनà¥à¤¤à¤¨. Int J Appl Res 2015;1(7):840-843.