Vol. 2, Issue 1, Part L (2016)
लोकसेवकों में à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° की समसà¥à¤¯à¤¾
लोकसेवकों में à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° की समसà¥à¤¯à¤¾
Author(s)
नीतॠगौरव
Abstract
लोकसेवकों के माधà¥à¤¯à¤® से ही देश की सारी-वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨à¥à¤µà¤¿à¤¤ होती है। अगर लोकसेवकों में ईमानदारी और करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¤¨à¤¿à¤·à¥à¤ ा नहीं हो तो देश की समूची वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ चैपट हो जाà¤à¤—ी। दरअसल आज की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ अतà¥à¤¯à¤‚त विकृत है, जहाठछोटे से आॅफिस के कलरà¥à¤• से लेकर पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ और राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ के कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में काम करने वाले बाबà¥à¤“ं में à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है। अनेक सà¥à¤¤à¤°à¥‹à¤‚ पर इसके निवारण का पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ à¤à¥€ किया जा रहा है, पर अब तक की जो सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ है, उसके आधार पर कहा जा सकता है कि लोकसेवक पूरी तरह à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° के जाल में लिपटा हà¥à¤† है, जिसके कारण देश की तमाम वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ चैपट है।
How to cite this article:
नीतॠगौरव. लोकसेवकों में à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° की समसà¥à¤¯à¤¾. Int J Appl Res 2016;2(1):823-824.