Vol. 2, Issue 10, Part K (2016)
सामà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ का à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समाज à¤à¤µà¤‚ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ पर पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ
सामà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ का à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समाज à¤à¤µà¤‚ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ पर पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ
Author(s)
जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€
Abstract
देश में बार-बार होने वाली सांपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• हिंसा धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ और धारà¥à¤®à¤¿à¤• सहिषà¥à¤£à¥à¤¤à¤¾ को बà¥à¤¾à¤µà¤¾ देने वाले संवैधानिक मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ पर पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¤šà¤¿à¤¹à¥à¤¨ लगता है।सांपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• हिंसा में पीड़ित परिवारों को इसका सबसे अधिक खामियाजा à¤à¥à¤—तना पड़ता है, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपना घर, पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ यहाठतक कि जीविका के साधनों से à¤à¥€ हाथ धोना पड़ता है। सांपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ समाज को विà¤à¤¾à¤œà¤¿à¤¤ करती है।सांपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• हिंसा की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में अलà¥à¤ªà¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• वरà¥à¤— को समाज में संदेह की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से देखा जाता है और इससे देश की à¤à¤•à¤¤à¤¾ à¤à¤µà¤‚ अखंडता के लिये खतरा उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होता है। सांपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ देश की आंतरिक सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ के लिये à¤à¥€ चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ करती है कà¥à¤¯à¥‹à¤•à¤¿ सांपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• हिंसा को à¤à¥œà¤•à¤¾à¤¨à¥‡ वाले à¤à¤µà¤‚ उससे पीड़ित होने वाले दोनों ही पकà¥à¤·à¥‹à¤‚ में देश के ही नागरिक शामिल होते हैं।à¤à¤¾à¤°à¤¤ की जनता अब इतनी परिपकà¥à¤µ हो चà¥à¤•à¥€ है कि वह शराफत का मà¥à¤–ौटा लगाठइन सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€, कपटी à¤à¤µà¤‚ धूरà¥à¤¤ लोगों की आसानी से पहचान कर उनका मà¥à¤à¤¹à¤¤à¥‹à¥œ जवाब दे सके। हमें सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को इतना सà¥à¤¦à¥ƒà¥ à¤à¤µà¤‚ विवेकशील बनाना होगा कि उकà¥à¤¤à¤¿-अनà¥à¤šà¤¿à¤¤, नैतिक-अनैतिक, तारà¥à¤•à¤¿à¤•-अतारà¥à¤•à¤¿à¤• आदि के बीच अनà¥à¤¤à¤° की सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ पहचान की जा सके, जिससे राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ à¤à¤•à¤¤à¤¾ à¤à¤µà¤‚ मानवीयता की गरिमा बरकरार रहे। सांपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• हिंसा को रोकने के लिये मजबूत कानून की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ होती है।अतः सांपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• हिंसा (रोकथाम, नियंतà¥à¤°à¤£ और पीड़ितों का पà¥à¤¨à¤°à¥à¤µà¤¾à¤¸) विधेयक, 2005 को मजबूती के साथ लागू करने की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है।
How to cite this article:
जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€. सामà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ का à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समाज à¤à¤µà¤‚ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ पर पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ. Int J Appl Res 2016;2(10):757-761.