Vol. 2, Issue 11, Part E (2016)
छत्तीसगढ़ के विशेष पिछड़ी जनजाति ‘पहाड़ी कोरवा’ के बच्चों में कुपोषण की स्थितिः एक मानवमितीय अध्ययन
छत्तीसगढ़ के विशेष पिछड़ी जनजाति ‘पहाड़ी कोरवा’ के बच्चों में कुपोषण की स्थितिः एक मानवमितीय अध्ययन
Author(s)
इरशाद खान, जयंत कुमार नायक
Abstract
प्रस्तुत शोध अध्ययन में छत्तीसगढ़ राज्य के विशेष पिछड़ी जनजाति ‘पहाड़ी कोरवा’ के बच्चों में कुपोषण के स्थिति का मूल्यांकन मानवमितीय सूचकांकों द्वारा ज्ञात किया गया हैं। जिसमें सरगुजा जिले के पहाड़ी कोरवा जनजाति के 0 - 5 वर्ष तक के 210 बालक - बालिकाओं को शामिल किया है। इन मापनों को जेलिफी इंडेक्स (वजन के अनुपात में आयु), वॉटरलो इंडेक्स (ऊंचाई के अनुपात में आयु) द्वारा दिये गये पोषण स्थिति को डबल्यू.एच.ओ. (2006) के स्टैंडर्ड वल्यू से तुलना करके पहाड़ी कोरवा जनजाति के बच्चों में कुपोषण की स्थिति को ज्ञात किया गया है, जिसमें जेलेफी इंडेक्स (वजन के अनुपात में आयु) के आधार पर कुल बालकों में 65.18 प्रतिशत कुपोषण एवं बालिकाओं में 69.39 प्रतिशत कुपोषण से पीड़ित पाये गये हैं। वॉटरलो इंडेक्स के आधार पर कुल बालकों में 53.57 प्रतिशत एवं बालिकाओं 50.00 प्रतिशत कुपोषण से प्रभावित पाये गये हैं। इसके पश्चात कनवाती एवं मेकलर्न वर्गीकरण के आधार पर कुल बालकों में 51.79 प्रतिशत एवं बालिकाओं में 57.14 प्रतिशत कुपोषण से प्रभावित पाये गये। उपर्युक्त निष्कर्षों से ज्ञात होता है कि पहाड़ी कोरवा जनजाति के बच्चों में कुपोषण अत्यधिक मात्रा में व्याप्त है, जो असंतोष का कारण है, क्योंकि कुपोषण से प्रभावित होने से जीवन के अन्य पक्ष भी प्रभावित होते है साथ ही अन्य शारीरिक रोगों की दर भी तेज होती जाती है।
How to cite this article:
इरशाद खान, जयंत कुमार नायक. छत्तीसगढ़ के विशेष पिछड़ी जनजाति ‘पहाड़ी कोरवा’ के बच्चों में कुपोषण की स्थितिः एक मानवमितीय अध्ययन. Int J Appl Res 2016;2(11):312-316.