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ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

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Vol. 2, Issue 2, Part L (2016)

उदारीकरण के बाद भारत की विदेष नीति

उदारीकरण के बाद भारत की विदेष नीति

Author(s)
डाॅ0 मो0 शाहिद अख्तर
Abstract
भारत में, उदारीकरण को औद्योगिक संवृद्धि और सामाजिक विकास की प्रक्रिया को गतिमान करने के उद्देश्य से अपनाया गया था, उदारीकरण के तहत भारतीय और विदेशी उद्यमी ऊर्जा, परिवहन, संचार, पेट्रोलियम जैसे कई क्षेत्रों में प्रवेश किए, नवीन औद्योगिक नीति को नौकरशाही की भूमिका को कम करने के लिए अपनाया गया। उदारीकरण के अधिकतर उद्योगों के लिए औद्योगिक लाइसेंस की आवश्यकता को खत्म किया। उदारीकरण की नीति के परिणाम स्वरूप देश में उद्योग एवं अवसंरचना क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के बेहद वृद्धि हुई, इसमें औद्योगिक क्षेत्र में मंदी पर लगाम लगाई, सफल घरेलू उत्पाद में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई, उदारीकरण से अर्थव्यवस्था के स्वरूप में भी व्यापक बदलाव आया तथा एक देश की अर्थव्यवस्था सम्पूर्ण विश्व की अर्थव्यवस्था का अनुमान लगाया जाने लगा। उदारीकरण के दौर में सम्पूर्ण विश्व की विदेश नीति सी लगातार बदल रही है। प्रत्येक देश एक दूसरे देश से अपसे संबंध मजबूत और मधुर बनाने का प्रयास कर रहा है।
Pages: 818-819  |  510 Views  71 Downloads
How to cite this article:
डाॅ0 मो0 शाहिद अख्तर. उदारीकरण के बाद भारत की विदेष नीति. Int J Appl Res 2016;2(2):818-819.
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