Vol. 2, Issue 3, Part K (2016)
संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤œà¤¨
संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤œà¤¨
Author(s)
डॉ. सरà¥à¤µà¤œà¥€à¤¤ दà¥à¤¬à¥‡
Abstract
पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ लोग पूछते हैं कि आज संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ के लिठकोई कà¥à¤¯à¥‚ंकर समय और शà¥à¤°à¤® लगाà¤? निशà¥à¤šà¤¿à¤¤à¤°à¥‚पेण पद,पैसा और पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा के अरà¥à¤œà¤¨ में आज संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ का बहà¥à¤¤ बड़ा योगदान नहीं है, लेकिन आज जीवन पद-पैसा-पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा के साथ शांति और सारà¥à¤¥à¤•à¤¤à¤¾ की à¤à¥€ मांग कर रहा है। पशà¥à¤šà¤¿à¤® में धन खूब बढ़ा लेकिन मन बहà¥à¤¤ नीचे गिर गया। 'पानी बिच मीन पियासी' कबीर की यह कहावत पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ देशों को देखकर समठमें आ सकती हैं। इसीलिठपशà¥à¤šà¤¿à¤® के विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ से परिचित होने के बाद संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ का à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤µà¥ˆà¤œà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• ही नहीं बलà¥à¤•à¤¿ आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• लाठलेने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। à¤à¤¸à¥‡ में à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ पर संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ और उसमें निहित जà¥à¤žà¤¾à¤¨ को बचाने का ऋषि-ऋण है।
How to cite this article:
डॉ. सरà¥à¤µà¤œà¥€à¤¤ दà¥à¤¬à¥‡. संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤œà¤¨. Int J Appl Res 2016;2(3):662-667.