Vol. 2, Issue 3, Part M (2016)
मैथिली अनुवाद साहित्यकः मर्मज्ञ अनुवादक ’अमरजी’
मैथिली अनुवाद साहित्यकः मर्मज्ञ अनुवादक ’अमरजी’
Author(s)
शीतल कुमारी
Abstract
अनुवादेक माध्यमसँ लोक एक भाषाक गप दोसर भाषामे बुझैत अछि, मुदा अनुवाद भाषाक नहि भावक होयबाक चाही। हमसब जनैत छी जे कोनहॅु भाषा साहित्यक विकासमे अनुवादक एकटा पैघ योगदान होइत अछि। आ मैथिली साहित्यमे सेहो ई बात सटीक बैसैत अछि। मैथिली मे एहि कार्यक शुभारम्भ कैलनि चन्दा झा। विद्यपतिक पुरुष परीक्षा कऽ अनुवाद कऽ एकर बाद पत्र-पत्रिकाक प्रकाशन भेलासँ अनूदित साहित्य सेहो प्रचूर मात्रामे छपय लागल। पहिने तँ संस्कृते सँ- उपनिषद, पुराण, धर्मशास्त्र प्रभृति पर आधारित भेल। संस्कृतक किछु नाटकोक अनुवाद भेल जाहिमे बाबू क्षेमधारी सिंह ’शकुन्तला’ क मैथिली अनुवाद 1918 ई0 मे कैलनि जे तत्कालीन मैथिली गद्यक उत्कृष्ट उदाहरण थिक। ओकर बाद बंगला साहित्य सँ अनुवाद भेेल जाहिमे - बंकिमचन्द्र, शदचन्द्र, रवीन्द्रनाथ ठाकुर आदिक लेख आ कथाक अनुवाद भेल। हिन्दीसँ सेहो किछु कथा सभक अनुवाद भेल जाहिमे शशिनाथ झा द्वारा ’कलिधर्म प्रकाशिका’ अछि।
How to cite this article:
शीतल कुमारी. मैथिली अनुवाद साहित्यकः मर्मज्ञ अनुवादक ’अमरजी’. Int J Appl Res 2016;2(3):817-819.