International Journal of Applied Research
Vol. 2, Issue 5, Part P (2016)
भारत एवं पाकिस्तान के बिगड़े हुए सम्बन्धों का ऐतिहासिक दृष्टिकोण
Author(s)
दीपक कुमार
Abstract
1947 में भारत और पाकिस्तान के अलग.अलग होने के बाद से ही दोनों देशों के संबंध ठीक नहीं रहे हैं। जिसमें कश्मीर की समस्या का सबसे महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। इस झगड़े को दुनिया के सबसे घातक संघर्षों में से एक माना गया है। 1999 में दोनों देशों के बीच में कारगिल विवाद हुआ जिसने धीरे धीरे एक युद्ध जैसा रूप ले लिया। हालांकि इसमें भारत ने विजय प्राप्त की परंतु दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बढ़ता ही गया। भारत सरकार के अनुसार इसमें शामिल लोग पाकिस्तान द्वारा समर्थित थे। 1998 में भारत और पाकिस्तान दोनों ने परमाणु मिसाइलों का सफलतापूर्वक प्रशिक्षण कियाए इससे पूरे विश्व में काफी हलचल हुई क्योंकि ये दोनों देश परंपरागत रूप से एक दूसरे के दुश्मन रहे हैं। भारत का दावा था कि उसे चीन के साथ आनेवाले संघर्ष के मामले में परमाणु हथियारों की जरूत पड़ सकती है। जिसके साथ भारत ने 1960 के दशक में सीमा युद्ध लड़ा था। पूर्व में पड़ोसी देश अफगानिस्तान के खिलाफ अमेरिका के नेतृत्व वाले युद्ध से चिंता पैदा हुई एवं इससे कश्मीर में तनाव बढ़ गया। क्योंकि नियंत्रण रेखा के साथ भारतीय और पाकिस्तानी सेना के बीच नियमित रूप से संघर्ष बढ़ता आया है। इन सभी झगड़ों का आरोप भारत और पाकिस्तान एक दूसरे पर लगाते रहे हैं परंतु पाकिस्तान के विरुद्ध पर्याप्त प्रमाण होने पर भी पाकिस्तान सरकार ने आतंकवाद के मुद्दे पर कभी भारत की मदद नहीं की अपितु पाकिस्तान ने हमेशा ही कश्मीरियों को हिंसा के लिए प्रेरित किया है। ऐतिहासिक दृष्टि भारत एवं पाकिस्तान के बीच वार्ताएँ एवं यात्राएं तो हुई हैं परंतु कोई उनके रिश्तों में कहीं कोई परिवर्तन नहीं आया।
How to cite this article:
दीपक कुमार. भारत एवं पाकिस्तान के बिगड़े हुए सम्बन्धों का ऐतिहासिक दृष्टिकोण. Int J Appl Res 2016;2(5):1134-1137.