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ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

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Vol. 2, Issue 9, Part C (2016)

‘पद्मावती समय’ का काव्य-सौंदर्य

‘पद्मावती समय’ का काव्य-सौंदर्य

Author(s)
डॉ. उत्तम पटेल
Abstract
चंदबरदाई “हिंदी के प्रथम महाकवि माने जाते हैं और इनका ‘पृथ्वीराज रासो’ हिंदी का प्रथम महाकाव्य है।”1 जिसमें कवि ने दिल्ली नरेश राजा पृथ्वीराज के जीवन-चरित को अभिव्यक्त किया है। आदिकालीन समय में आये दिन युद्ध हुआ करते थे। इसके मुख्य कारण थे- 1. राजाओं की आपसी दुश्मनी 2. राजकुमारियों के अपहरण और 3. राज्य की सीमा-वृद्धि। यही कारण है कि ‘पद्मावती समय’ जो रासो का बीसवाँ समय है, में कवि चंदबरदाई ने श्रृंगार, वीर, रौद्र, बीभत्स एवम् भयानक रसों का सजीव व यथार्थ अंकन किया है। कवि चंद सिर्फ कलम के धनी ही नहीं थे। वे समय आने पर तलवार भी ग्रहण करते थे। यही कारण है कि ‘पृथ्वीराज रासो’ में चंद ने जो युद्ध- वर्णन किए हैं वह हिंदी साहित्य में अनन्य हैं।
Pages: 141-143  |  24221 Views  2406 Downloads


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How to cite this article:
डॉ. उत्तम पटेल. ‘पद्मावती समय’ का काव्य-सौंदर्य. Int J Appl Res 2016;2(9):141-143.
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