Contact: +91-9711224068
International Journal of Applied Research
  • Multidisciplinary Journal
  • Printed Journal
  • Indexed Journal
  • Refereed Journal
  • Peer Reviewed Journal

ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

TCR (Google Scholar): 4.11, TCR (Crossref): 13, g-index: 90

Peer Reviewed Journal

Vol. 3, Issue 1, Part L (2017)

मैथिली उपन्यास मे शैलीक स्थानः एक अध्ययन

मैथिली उपन्यास मे शैलीक स्थानः एक अध्ययन

Author(s)
भागवत मंडल
Abstract
उपन्यासक पाञ्चम प्रमुख तत्व शैली थीक। ई अंगरेजीक स्टाइल (जैलसम) शब्दक पर्यायवाची थीक। जकर उत्पति ‘स्टाइल्स’ शब्द सँ भेल अछि। अभिव्यजनाक प्रकारकें शैली कहल जाइत अछि। मनुष्यक मोन मे जे विभिन्न प्रकारक भावना उत्पन्न होइत अछि। ओकरा व्यक्त करबाक लेल भाषाक प्रयोग कयल जाइत अछि। भावनाकें भाषा मे व्यक्त करबाक विभिन्न साधन होइत अछि। आ भाषा मे अभिव्यक्ति देबाक विभिन्न प्रकार। साहित्यक विभिन्न रूप, उपन्यास, नाटक, लघुकथा प्रभृति। जे भाव व्यक्त करबाक विभिन्न प्रकार होइत अछि। भावना व्यक्त करबाक लेल लेखक विभिन्न शिल्प ओ शैलीक प्रयोग करैत अछि। कोनो वस्तुक वर्णन मे निश्चित क्रम योजना रहैत अछि शैली शब्द सँ वस्तु एवं विषयक बोध होइत अछि। एहि वर्णनक क्रम योजना कें शैली कहल जाइत अछि। रूप कोनो वस्तुक बिम्ब रूप होइत अछि। शैलीक अन्तर्गत शब्दक चयन, वर्णन, विन्यास, वाक्य रचना आदि अबैत अछि। शैली अनेक तत्वक समन्वित रूप होइत अछि। जतेक प्रकारक रचना ओतेक प्रकारक शैली होइत अछि। शैली विषयकें व्यक्त करैत अछि। शैली में परिवर्तन नहि होइत अछि। उतम शैली निषेधात्मक नही होइत अछि। उपन्यास मे शैलीक महत्वपूर्ण स्थान होइत अछि।
Pages: 888-889  |  863 Views  149 Downloads


International Journal of Applied Research
How to cite this article:
भागवत मंडल. मैथिली उपन्यास मे शैलीक स्थानः एक अध्ययन. Int J Appl Res 2017;3(1):888-889.
Call for book chapter
International Journal of Applied Research
Journals List Click Here Research Journals Research Journals